उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती मामले में मांगा जवाब राज्य शासन सहित अन्य को नोटिस जारी 

उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती मामले में मांगा जवाब राज्य शासन सहित अन्य को नोटिस जारी 

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जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में अनियमितता के आरोप पर जवाब पेश करने के निर्देश दिये है। जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने मामले में राज्य शासन व लोक शिक्षण संचालनालय सहित अन्य को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिये है।

यह मामले मंदसौर, भिंड, मुरैना, ग्वालियर, पन्ना, सिवनी, रीवा, सहति अन्य जिलों के अभ्यार्थियों की ओर से दायर किये गये हैं। जिनकी ओर से अधिवक्ता विनायक प्रसाद शाह, रूप सिंह मरावी व डॉ. प्रतीक्षा सिंह ने पक्ष रखा। जिन्होंने बताया कि उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा-2018 की प्रक्रिया कई बार काउंसिलिंग के कारण विवादास्पद हो गई है। आरक्षण अधिनियम के उल्लंघन का आरोप भी विचारणीय है। अंतिम चयनित अनारक्षित से अधिक अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को अनारक्षित में चयन करने जैसी अनियमितता की गई। दरअसल, सभी अनारक्षित पदों पर नियुक्ति से पूर्व आरक्षित पदों पर नियुक्ति का मनमाना रवैया सीधे तौर पर आरक्षण के उल्लंघन की परिधि में आता है। नियमानुसार मेरिट के आधार पर अनारक्षित में नियुक्ति के बाद आरक्षित वर्ग में चयन करना आरक्षण कानून का सरासर उल्लंघन है। मेरिटोरियस अभ्यार्थियों की आरक्षित वर्ग में नियुक्ति न किए जाने पर जवाब मांगा जाना चाहिए। कुल मिलाकर विभिन्न विषयों के शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण अधिनियम व प्रक्रियात्मक कानून का खुला उल्लंघन किया गया है। याचिकाकर्ताओं ने हिंदी, राजनीति विज्ञान, संस्कृति और भूगोल विषयों के चयन से वंचित होने पर हाईकोर्ट की शरण ली है। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं।

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