रादुविवि कुलगुरु की नियुक्ति अवैध
एनएसयूआई ने सौंपा उच्च शिक्षा मंत्री को ज्ञापन। मध्यप्रदेश के समस्त शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलगुरुओं की जांच की मांग।
रादुविवि कुलगुरु की नियुक्ति अवैध, एनएसयूआई ने सौंपा उच्च शिक्षा मंत्री को ज्ञापन। मध्यप्रदेश के समस्त शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलगुरुओं की जांच की मांग। मंत्री ने तत्काल जांच कराने का दिया आश्वासन।
जबलपुर: भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) के जिला अध्यक्ष सचिन रजक के नेतृत्व में आज एनएसयूआई पदाधिकारीगणो ने मध्य प्रदेश शासन के उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार को ज्ञापन सौंपकर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो राजेश कुमार वर्मा की नियुक्ति मे हुए घोटाले की जांच एवं विश्वविद्यालय में चल रही विभिन्न अनियमितताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस ज्ञापन में विश्वविद्यालय प्रशासन की उदासीनता और छात्रों के प्रति लापरवाही के चलते शैक्षणिक परिणामों में हो रही देरी, कुलगुरु की नियम विरूद्ध नियुक्ति एवं अन्य अनियमितताओं को प्रमुख रूप से उजागर किया गया है।
जिला अध्यक्ष सचिन रजक ने बताया कि प्रोफेसर राजेश कुमार वर्मा, वर्तमान कुलगुरु, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की नियुक्ति में गंभीर विसंगतियों की ओर उच्च शिक्षा मंत्री का ध्यान आकर्षित किया गया है। बताया गया है कि उनकी मूल पद अर्थात प्राध्यापक पद पर नियुक्ति में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के विनियमों में वर्णित शैक्षणिक योग्यता एवं अनुभव संबंधी नियमों का स्पष्ट उल्लंघन किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप वे कुलगुरु पद पर योग्यता के मानकों को पूरा नहीं करते हैं। अयोग्य एवं जोड़ तोड़कर व्यक्तियों को विश्वविद्यालय का प्रमुख बनाने से विश्वविद्यालयों की अकादमिक एवं प्रशासनिक व्यवस्थाएं प्रभावित होती है। दूसरी ओर इन अयोग्य व्यक्तियों के पास अनुसंधान हेतू आवश्यक अनुभव न होने से विश्वविद्यालयों के शोध कार्य भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। इस पूरे मामले का खुलासा प्रमाण सहित आगामी दिनों में किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि बीए, बीएससी, बीकॉम प्रथम एवं अंतिम वर्ष के लगभग 25,000 छात्रों के परिणाम आज तक घोषित नहीं किए गए हैं, जबकि उनकी परीक्षाएं जुलाई में समाप्त हो चुकी थीं। परिणाम में हो रही इस देरी के कारण छात्र अत्यंत मानसिक दबाव का सामना कर रहे हैं। लगभग पंद्रह हज़ार विद्यार्थियों को अंकसूची नहीं दी जा रही। इसके अतिरिक्त बीएएलएलबी सेकंड सेमेस्टर के छात्रों के परिणाम भी अभी तक घोषित नहीं किए गए हैं। इसके अलावा, विश्वविद्यालय के परीक्षा और गोपनीय विभाग में वर्षों से जमे हुए कर्मचारियों के स्थानांतरण की मांग की गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा बायोमैट्रिक उपस्थिति को भी पूरी तरह लागू नहीं किया गया है, जिसके चलते कर्मचारियों की लापरवाही का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है।
एनएसयूआई के इस ज्ञापन में उच्च शिक्षा मंत्री से आग्रह किया गया है कि वे मध्य प्रदेश के सभी शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलगुरुओं की नियुक्तियों की निष्पक्ष जांच करवाएं, ताकि राज्य की उच्च शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो सके और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं प्रशासनिक पारदर्शिता मिल सके।
NSUI ने कहा कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन की अनियमितताओं और उदासीनता पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो एनएसयूआई आगे भी आंदोलन करेगी और छात्रों के हितों के लिए संघर्ष जारी रखेगी।
आज के ज्ञापन मे मुख्य रूप से जिलाध्यक्ष सचिन रजक प्रदेश उपाध्यक्ष अमित मिश्रा संगठन प्रभारी साहिल यादव, अनुज यादव, अभिषेक दहिया, हर्ष, प्रतीक, पुष्पेन्द्र गौतम, राहुल वर्मा सहित अन्य छात्र उपस्थित थे ।