वेयरहाउस वाले दिखा रहे नखरे,जेल भेजे जाने की नौबत!

एक तरफ सरकारी तंत्र धान खरीदी को भ्रष्टाचार मुक्त करने की कोशिश कर रहा है,

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वेयरहाउस वाले दिखा रहे नखरे,जेल भेजे जाने की नौबत!
धान खरीदी में अड़ंगा, सरकारी अमले के लिए नहीं खोल रहे ताला,पसंदीदा समिति न मिलने हुये नाराज, उच्चाधिकारियों की नाराजगी बढ़ी

जबलपुर। एक तरफ सरकारी तंत्र धान खरीदी को भ्रष्टाचार मुक्त करने की कोशिश कर रहा है,लेकिन दूसरी तरफ वेयरहाउस संचालकों ने असहयोग आंदोलन छेड़ रखा है। कई जगहों पर सरकारी अमला घंटों खड़ा रहता है,लेकिन वेयरहाउस संचालकों ने ना तो गोदाम का ताला खोलते हैं और ना ही मौके पर मौजूद होते हैं। हद दर्जे की मनमानी पर आमादा वेयरहाउस संचालक ऐसा क्यों कर रहे हैं, इस पर प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि वे पे्रशर बनाकर अपने मनमुताबिक तरीके से खरीदी करना चाह रहे हैं।
-खास समिति के नाम पर जोर
सूत्रों का कहना है कि प्रत्येक वेयरहाउस संचालक ने अब तक किसी विशेष समिति के साथ मिलकर खरीदी की है और इसी दौरान गड़बड़ियों के मामले भी सामने आए हैं। इस बार बाजी उल्टी पड़ गयी है और समितियों और वेयरहाउस की जुगलबंदी को तोड़ दिया गया है। वेयरहाउस संचालक इस बात से खासे नाराज हैं और अब खुराफातें कर सरकारी अमले को परेशान कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो वेयरहाउस वालों को ये आइडिया समितियों द्वारा ही दिया गया है,क्योंकि तालमेल बिगड़ने से समितियों को भी काली कमाई में बराबर का नुकसान हो रहा है।
-क्या वेयरहाउस ऐसा कर सकते हैं
नियमों के हिसाब से देखा जाए तो वेयरहाउस संचालक प्रशासन पर ऐसा दबाव नहीं बना सकते,क्योंकि प्रशासन और इनके बीच सात साल का एग्रीमेंट है,जो लगातार रिन्यू होता
है। निर्माण के वक्त भी वेयरहाउस संचालकों को सरकार की ओर से ही सब्सिड्री दी जाती है। इस लिहाज से भी वेयरहाउस संचालकों को भंडारण से इंकार करने का अधिकार नहीं है। सरकार इन्हें किराए की राशि भी देती है,जो हर महीने लगभग साढ़े तीन लाख के करीब होती है। बीते सालों में भी सरकार इन्हें मोटी रकम बतौर किराया दे चुकी है और इतनी सारी अनियमितताओं के बावजूद इन्हें बर्दाश्त किया जा रहा है।
-अब शुरु करेंगे अमानत में खयानत की कार्रवाई
धान खरीदी से जुड़े अमले ने बताया कि पहले दिन से ही वेयरहाउस संचालकों ने परेशान करना शुरु कर दिया था। वे समितियां बदले जाने से नाखुश हैं। उच्चाधिकारियों से इस बारे ेंमें चर्चा की जा चुकी है और तय हुआ है कि अब वेयरहाउस संचालकों पर अमानत में खयानत के तहत एफआईआर कराकर उन्हें जेल भेजे जाने की कार्रवाई की जाएगी ताकि धान खरीदी निर्विघ्न रूप से संपन्न हो सके। प्रशासनिक अमला वेयरहाउस संचालकों की उद्दंडता से बेहद खफा है।

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