सूकर पालन विषय पर ग्रामीण युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण का आयोजन.
भारत सरकार के वित्तीय सहयोग से तीन दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया,
पशुधन उत्पादन एवं प्रबंधन विभाग, पशुचिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय, नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय जबलपुर में दिनांक 25-27 जून 2024 तक विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सीता प्रसाद तिवारी के मार्गदर्शन, डॉ आर के शर्मा के निर्देशन एवं प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. विश्वजीत रॉय के अगुवाई में एवं राष्ट्रीय पशुधन मिशन, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, भारत सरकार के वित्तीय सहयोग से तीन दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 25 ग्रामीण युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त कर लाभ लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. सीता प्रसाद तिवारी, कुलपति नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर एवं विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ श्रीकांत जोशी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. भावना अहरवाल द्वारा किया गया। माननीय कुलपति जी ने ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण उपरांत सूकर पालन को व्यवसाय के रूप में अपनाने की सलाह दी एवं प्रशिक्षणार्थियों को छोटे स्तर से सूकर पालन करने के लिए प्रेरित किया और इसे अधिक आमदनी एवं मुनाफेदार व्यवसाय बताया। कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष डॉ. जी पी लखानी ने सूकर की आवास व्यवस्था एवं बारीकियों पर प्रकाश डाला। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को सूकर पालन से जुड़े सभी विषयों पर विश्वविद्यालय के प्राध्यापकगण द्वारा विस्तारपूर्वक बताया गया। इसके साथ ही विभाग द्वारा प्रशिक्षणार्थियों हेतु बनाई गई व्यावसायिक सूकर पालन पुस्तिका का अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया। सहायक प्राध्यापक डॉ. अनिल शिंदे ने प्रशिक्षणार्थियों का प्रशिक्षण पूर्व एवं पश्चात् मूल्यांकन किया। तीन दिवसीय प्रशिक्षण में प्रशिक्षणार्थी को प्रक्षेत्र भ्रमण कराया गया, साथ ही उनको प्रायोगिक कार्य जैसे की आहार बनाना, नुकीले दांत कांटना, टीकाकरण की विधि के बारे में बताया गया एवं उनके द्वारा इनका अभ्यास भी कराया गया। अंत में अतिथियों द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को निशुल्क सूकर एवं सूकर आहार का वितरण किया गया।