1400 देव वृक्षों कि हुई स्थापना (वृक्षारोपन)
1400 दिनों से निराहार महायोगी अवधूत दादागुरु
सदी की सबसे कठोर अखण्ड निराहार महाव्रत साधना कर रहे महायोगी अवधूत दादागुरु जिसका मुख्य उद्धेशय माँ नर्मदा, धर्म, धरा, धेनु , प्रकृति पर्यावरण संरक्षण संवर्धन करना है महायोगी अवधूत दादागुरु के निराहार महाव्रत का आज 1400 दिवस पर अनेक जिले प्रांतों मे वृक्ष रक्षा संकल्प के साथ 1400 देव वृक्षमूर्ति ( वृक्षारोपण) किया गया। इसी क्रम मे राष्ट्र के हृदय नगर संस्कारधानी जबलपुर मे संस्कार कांवड यात्रा समिति, नर्मदा मिशन ने कैलाश धाम मटामर रांझी कि देव धरा पर वृक्ष रक्षा संकल्प के साथ 1400 देव वृक्षों कि स्थापना ( वृक्षारोपन) किया गया साथ ही 14 वर्ष से निकाली जा रही दादागुरु के सानिध्य मार्गदर्शन मे निकाली जा रही संस्कार कांवड यात्रा अपना सहयोग और कार्य करने वाले सेवकों और संस्था समितियों को समर्थ अलंकरण से सम्मानित किया गया।
अवधूत दादागुरु जी ने सभी भक्त प्रेमियों को संदेश दिया कि वृक्ष ही प्रत्यक्ष है। गुरु का शिव का साक्षात स्वरूप वृक्ष है , वृक्ष हमे छाँव के साथ साथ प्राण वायु प्रदान करता है , वृक्ष हमारा जीवन है इनका संरक्षण संवर्धन करना हमारा कर्तव्य है।
और आँगे दादागुरु कहते है.. कि धरा हमारी देवालय है और वृक्ष सगुण देव मूर्तियाँ है।
कर्यक्रम मे शिव यादव( संयोजक- संस्कार कांवड यात्रा , निलेश रावल(अध्यक्ष संस्कार कांवड यात्रा), जगत बहादुर अनु ( महापौर), सुशील तिवारी इंदु (विधायक )
श्री आर. के. शर्मा (ब्रिगेडियर), आभा गोंटिया ( अध्यक्ष ,जिला पंचायत ) भारत सिंह यादव, विशाल तिवारी , राजेश यादव, प्रमोद पाठक एवं संस्कार कांवड यात्रा समिति, नर्मदा मिशन के सभी सदस्य उपस्थित हुए ।