अस्पताल अग्निकांड को 2 साल पूरे , 90 अस्पताल अभी भी नही ले पाए सबक

नई लाइफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में दो साल पहले हुआ था हादसा , 8 की हुई थी मौत

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अस्पताल अग्निकांड को 2 साल पूरे , 90 अस्पताल अभी भी नही ले पाए सबक

नई लाइफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में दो साल पहले हुआ था हादसा , 8 की हुई थी मौत

जबलपुर। बिना फायर एनओसी के संचालित हो रहे न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हुए अग्नि हादसे को 2 साल पूरे हो गए हैं । हादसे के बाद सबक के साथ निजी अस्पतालों पर लापरवाही के चलते नकेल कसी गई थी वह काबिले तारीफ थी । आनंद फानन में सैकड़ो अस्पतालों के लाइसेंस को भी निरस्त कर दिया गया था । फायर एनओसी और भवन अनुज्ञा में गड़बड़ी के चलते पूरे मध्य प्रदेश में कार्रवाई की अलग-अलग तस्वीरें सामने आई थी …..क्योंकि 1 अगस्त 2022 को चंडाल भाटा में संचालित न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में अग्नि हादसे के दौरान आठ जिंदगियां काल के गाल में समां गई थी । ऐसे में निजी अस्पतालों की बदइंतजामियों और लापरवाही के चलते दी गई लाइसेंस स्वीकृति ने सरकारी व्यवस्थाओं की पोल खोल दी थी। इस अग्नि हादसे को लगभग 2 साल पूरे हो गए हैं लेकिन अभी भी जबलपुर शहर के 90 निजी अस्पताल सबक नहीं ले पाए हैं । इतना ही नहीं सरकारी सिस्टम भी इन निजी अस्पतालों पर नकेल कसने या फिर नियमों का पालन करने में तत्परता नहीं दिखा पाया है 2 साल यानी तकरीबन 750 दिनों के बाद भी इस अग्नि हादसे से किसी ने सबक नहीं लिया।

1 अगस्त 2022 को हुए अस्पताल एवे हादसे में 8 मौतें हुई थी इन लोगों ने गंवाई थी अपनी जान

’ मृतक महिमा जाटव उम्र 23 साल निवासी नरसिंहपुर
’ मृतक वीर सिंह पिता राजु ठाकुर उम्र 30 वर्ष न्यु कंचनपुर थाना आधरताल
’ मृतक स्वाति वर्मा उम्र 24 साल ग्राम नारायण पुर मझगवां जिला सतना
’ मृतक तनमय विश्वकर्मा पिता अमन उम्र 19 वर्ष नि. खटीक मोहल्ला थाना घमापुर
’ मृतक दुर्गेश सिंह पिता गुलाब सिंह उम्र 42 वर्ष नि. ग्राम आगा सौद पाटन रोड थाना मढौताल
’ मृतक सोनू यादव उर्फ अमर पिता श्री पाल उम्र 26 वर्ष नि. चित्रकूट मानिकपुर उ. प्र
’ मृतक अनुसूइया यादव पति धर्मपाल उम्र 55 साल नि. चित्रकूट मानिक पुर उ.प्र.
. एक मृतक महिला जबलपुर की स्थानीय

 

क्षेत्रीय स्वास्थ्य संचालक और जबलपुर जिले के प्रभारी सीएमएचओ डॉक्टर संजय मिश्रा के मुताबिक अस्पताल अग्निकांड के बाद सरकार की पॉलिसीयों में लगातार बदलाव हुए हैं फिलहाल स्वास्थ्य महकमा नगर निगम की रिपोर्ट के इंतजार में रहता है जिसके बाद वह लाइसेंस निरस्त करने या ना निरस्त करने के लिए अपनी कार्रवाई को अंजान देता है । नगर निगम भवन शाखा और अग्निशमन विभाग से मिलने वाले पत्रों के आधार पर ही स्वास्थ्य महकमा कार्रवाई कर रहा है । डॉ मिश्रा के मुताबिक हाल फिलहाल 90 अस्पतालों की सूची उनके हाथ लगी थी जो पर्याप्त नियमों को पूरा किए बिना ही संचालित हो रहे थे । उन सभी को नोटिस जारी कर दिए गए हैं यानी कुल मिलाकर कागजी कार्रवाई पर जिम्मेदारी पूर्ण कर विभाग हालातो को संभवत सामान्य मान रहा है।

न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के अग्नि हादसे ने हर किसी को झंकझोऱ दिया था । चीख पुकार और बुरी तरह जली हुई डेड बॉडी अस्पताल के बाहर निकली थी ऐसे में पैसे कमाने की होड़ में गली-गली मोहल्ले में खुले निजी अस्पतालों के संचालन पर रोक लगे इस बात की दरकार थी जो आज भी मात्र दरकार बनकर ही रह गई है। जिम्मेदार सिस्टम क्या वाकई जिम्मेदारी के साथ काम कर रहा है या खानापूर्ति का रास्ता अपनाकर चल रहा है यह समझने वाली बात है

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