जबलपुर,करोड़ों की लागत से बनने के बाद वीरान पड़े कछपुरा हॉकर जोन में आखिरकार सब्जी-फल व चौपाटी व अन्य दुकानें लगने लगी हैं। हालांकि इसके लिए नगर निगम प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी और गुलौआ से गौतम मड़िया व उसके आगे तक ताबड़तोड़ कब्जे हटाने पड़े। इससे पूर्व वहां इंदौर के छप्पन की तर्ज पर चौपाटी विकसित करने का प्लान चल रहा था और टेंडर भी जारी हो गया था लेकिन किन्हीं कारणवश टेंडर निरस्त कर योजना ठंडे बस्ते में डालकर फिलहाल वहां वेजीटेबल मार्केट ही विकसित किया जा रहा है। हालांकि सब्जी व्यापारी वहां जाकर बिल्कुल भी खुश नजर नहीं आ रहे हैं।
50 प्रतिशत भी नहीं रह गया धंधा
नगर निगम का अतिक्रमण दस्ता पिछले दो-चार दिनों से लगभग पूरे दिन ही उस एक-दो किलोमीटर के दायरे में घूमकर ठेले वालों को रोड से हटाकर वहीं शिफ्ट करने की कवायद में
मजबूरी ही सही पर दुकानदारों ने किया होंकर जोन की ओर रुख
जुटा है। आधा
सैकड़ा से अधिक सब्जी वाले वहां दुकानें भी लगाने संतुष्ट नहीं हैं। उनका लगे हैं लेकिन वे ग्राहकी से जरा भी कहना है कि वहां जाने से उनका धंधा आधा भी नहीं रह गया। आउटर में होने के कारण ग्राहक वहां जाने से
परहेज कर रहा है, ऐसे में आलम यह है कि वे जितना
माल ला रहे हैं उसका आधा खराब हो जा रहा है और उन्हें घाटा लग रहा है। लेकिन दुकानें एक जगह लगने से राहगीरों को सड़कें चौड़ी-चौड़ी समझ में आने लगी हैं और आवागमन में उन्हें कोई दिक्कत नहीं हो रही है।
लेबर चौक ज्यों का त्यों
गुलौआ से लेकर गौतम मढ़िया तक के ठेले-टपरे वालों को तो खदेड़ दिया गया है लेकिन लेबर चौक की हालत ज्यों की त्यों है। सिग्नल के बाद से फाटक तक बेढंगे ठेले-टपरे लग रहे हैं, जिससे रात के वक्त आवागमन बुरी तरह प्रभावित होता है। यह समझ से परे है कि उन्हें कछपुरा हॉकर जोन क्यों शिफ्ट नहीं कराया गया जबकि पूर्व में ही वहां भेजे जाने की योजना थी।