जबलपुर। कबाड़खाने में हुये विस्फोट के मामले में नया मोड़ सामने आया है,जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। युवा क्रांति संगठन ने आईजी अनिल कुशवाहा को दी शिकायत में कहा है कि कबाड़खाने विस्फोट मामले का मुख्य आरोपी मोहम्मद शमीम को भाग जाने की सारी सुविधाएं पुलिस अधिकारियों ने प्रदान की। आरोपित है कि यदि जबलपुर पुलिस केन्द्रीय एजेंसियों के निर्देशों का पालन करती तो शमीम के लिए शहर छोड़ना नामुम्किन था। दावा किया गया है कि शमीम बहुत आसानी से दुबई रवाना हो चुका है और ये जानकारी एजेंसियों को भी प्राप्त हो चुकी है।
-वो, जो नहीं किया गया
संगठन के अनुराग तिवारी ने कहा कि इस मामले में शमीम के पासपोर्ट को निरस्त करने की कार्रवाई समय रहते नहीं की गयी। जिले की सीमाओं पर नाकेबंदी कर उसे नहीं रोका गया। देशद्रोह जैसे गंभीर मामले में विदेश मंत्रालय को सूचित न करना भी कई तरह के प्रश्न खड़े करने वाला है। आरोपित तौर पर पुलिस अधिकारियों ने अहम मामले में लापरवाही की और ऐसी परिस्थितियां निर्मित की,जिससे शमीम को भागने का अवसर मिल सके।
-बेटे पर एनएसए क्यों नहीं
संगठन ने मांग की है कि ब्लास्ट के आरोपी शमीम के बेटे पर अभी तक एनएसए(राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की गयी। सवाल ये भी उठाया गया है कि विस्फोट के बाद इस बात के पर्याप्त सबूत मिल चुके थे कि विस्फोट सामान्य नहीं है और ये मामला कई तरह खतरों के संकेत भी दे रहा था,लेकिन फिर भी पुलिस अधिकारियों द्वारा इस तरह की
कार्यशैली अपनाने पर निराशा व्यक्त की गयी है। संगठन ने कहा है कि यदि जल्दी उच्चाधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की तो न्यायालय की शरण ली जाएगी।
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–ये अलग समाचार है,इसी में बॉक्स
पुलिस वैरिफिकेशन पेपर जाली,थाने की नकली सील!
रांझी थाने का मामला, राजनीतिक गहमागहमी और धरना-प्रदर्शन
जबलपुर। रांझी थाने में जाली पुलिस वैरिफिकेशन और थाने की नकली सील लगाए जाने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस मामले में राजनीतिक हंगामा होने के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। एक तरफ पुलिस कटघरे में आ गयी है तो वहीं विश्वसनीयता पर भी प्रश्न चिन्ह लग गया है। युवा संगठन ने रांझी थाना प्रभारी को शिकायत सौंपकर पूरी घटना से अवगत कराया है।
-अगर सही थे तो भागे क्यों
युवा क्रांति संगठन ने बताया कि 30 मई को भाजपा के चेतन लाहौरिया एवं यूसुफ रांझी थाने पहुंचे और पुलिस वैरिफिकेशन के लिए दस्तावेज पेश किए। जांच में ये दस्तावेज नकली निकले और इनमें पहले से ही थाने की सील लगी थी,जो नकली थी। आरोपित तौर पर जैसे ही दोनों को पता चला कि पकड़े गये हैं तो उन्होंने अपने दस्तावेज पुलिस अधिकारी के हाथ से छीन लिये और भाग गए। पुलिस ने भी दोनों को पीछाकर पकड़ा और जाली दस्तावेज जब्त कर लिए। संगठन के अनुसार, इसके बाद चेतन ने अन्य नेताओं को थाने बुलाया और विरोध-प्रदर्शन के लिए धरना दिया गया। किसी ने ये पता करने की कोशिश नहीं की, कि आखिर फर्जी वैरिफिकेशन के पेपर का मामला क्या है और पुलिस इसे जाली क्यों मान रही है।