नोवो नोरडिस्क इंसुलिन इंजेक्शन का मामला
यहां स्टॉक फ्रीज किया, वहां भोपाल तक हड़कंप
जबलपुर– रसल चौक स्थित बेस्ट प्राइस फार्मेसी दवाई की दुकान में मिले इंसुलिन इंजेक्शन को खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने जांच में लेकर सेल परचेसिंग के रिकॉर्ड खंगालते हुए खानापूर्ति कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ यहां से लेकर भोपाल तक इस मामले को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। जानकारों का कहना है कि इतनी बड़ी मिस्टेक कैसे और कहां हुई यह शोध का विषय नहीं कार्रवाई का समय है लेकिन सेटिंग के चलते सब चीज यहां के विभाग के अनुसार हो रही है जिससे दवा निर्माता और दुकानदार को बचाया जा सके।
शिकायतकर्ता अनुराग यादव ने इस मामले की शिकायत यहां से लेकर भोपाल तक की थी। हालांकि यहां के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने जानकारी लगते ही दवा दुकान में जाकर सारी औपचारिकताएं पूरी करते हुए इंजेक्शन फ्रीज कर दिए थे लेकिन उसके बाद क्या हुआ किसी को कुछ पता नहीं। दुकानदार भी बेधड़क अपनी दुकान संचालित करता आ रहा है। वहीं दुकान के ही करीबी सूत्रों का कहना है कि सेठ जी ने मामला सेट कर लिया है उनका आगे कुछ नहीं होगा। जो भी होगा कंपनी का होगा और कंपनी वालों को ही जवाब देना पड़ेगा।
कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं- इंसुलिन इंजेक्शन का मामला बड़ा ही गंभीर है इस बात को विभाग ने भी माना लेकिन खुलकर कुछ नहीं कहा जबकि सरासर गलती दवा निर्माता और दुकानदार की है जानकारों का ऐसा कहना है कि भोपाल तक इस मामले की खबर जा चुकी है और अब इस मामले में वहां से भी कई करवाई होने वाली है जिसमें न केवल दवा निर्माता कंपनी बल्कि यहां की दुकानदार की भी जांच करते हुए उचित और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन न जाने जबलपुर के अधिकारी कि मानसा से ढीला रवैया अपने हुए हैं।
सिरप के मामले में आया था नाम- बेस्ट प्राइस फार्मेसी दुकान के संचालक का नाम कुछ सालों पहले नशीले सिरप बेचे जाने के मामले में भी नाम सामने आया था उसे समय विभाग ने कार्रवाई भी की थी, यह सब जानते हुए भी विभाग ने शुक्रवार की शाम को दुकान में जांच करते हुए इंजेक्शन फ्रिज तो कर दिए और रिकार्ड खंगाल कर कार्रवाई को अपने हिसाब से जांच के दायरे में लेकर औपचारिकता पूरी कर दी। इसकी खबर जैसे ही भोपाल में बैठे आला
अधिकारियों को लगी तो वहां से यहां पर टीम के आने का जानकारी बताई जा रही है।