शिक्षक पुनश्वर्या कार्यक्रम संपन्न

आज की व्यस्ततम जिंदगी में एक शिक्षक के लिए यह अति आवश्यक है कि वह अकादमिक विकास के साथ ही आध्यात्मिक विकास भी करे

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“आज की व्यस्ततम जिंदगी में एक शिक्षक के लिए यह अति आवश्यक है कि वह अकादमिक विकास के साथ ही आध्यात्मिक विकास भी करे। आध्यात्मिक विकास तभी संभव है जब हम आत्म-साक्षात्कार के द्वारा अपनी चेतना को जाग्रत करें।” उपरोक्त उद्गार माननीय प्रो. राम शंकर (कुलपति, पंडित एस. एन. शुक्ला विश्वविद्यालय, शहडोल, म. प्र.) द्वारा अभिव्यक्त किए गए। संत अलॉयसियस स्वशासी महाविद्यालय, जबलपुर द्वारा शैक्षणिक सत्र 2024-2025 हेतु शिक्षकों के लिए एक दिवसीय पुनश्वर्या कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के द्वारा माननीय कुलपति ने शिक्षकों से संवाद किया, उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया तथा उनके आगामी लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु मार्ग प्रशस्त किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. फा. जे. बेन एंटोन रोस का स्वागत भाषण इस प्रकार था- “एक श्रेष्ठ शिक्षक अपने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु सदैव तत्पर होता है। आज इस कार्यक्रम में एक श्रेष्ठ गुरु एवं कुशल वक्ता की उपस्थिति हमें शैक्षणिक क्षेत्र की बारीकियों को आत्मसात करने में सहायक बनेगी।” कार्यक्रम के प्रारंभ में समस्त स्टाफ द्वारा “ए मालिक तेरे बंदे हम” प्रार्थना गीत गाया गया। तत्पश्चात महाविद्यालय की उप-प्राचार्य (अकादमिक) डॉ. अंजली डिसूजा द्वारा एक प्रारंभिक प्रार्थना की गई। इसके उपरांत मुख्य अतिथि का स्वागत डॉ. मंदिरा कार एवं डॉ. विश्वास पटेल द्वारा पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह से किया गया। तत्पश्चात महाविद्यालय के उप-प्राचार्य (अनुशासन) डॉ. कल्लोल दास द्वारा मुख्य अतिथि का जीवन वृत्त प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन डॉ. निहारिका सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन स्टाफ सेक्रेटरी डॉ. तरविंदर कौर घई के द्वारा किया गया।

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