बजट से ग्रामीण विकास एवं कृषि को मजबूती मिलेगी :- डॉ. देवेन्द्र विश्वकर्मा
एम.ए. अर्थशास्त्र, एम.ए. ग्रामीण विकास, एम.बी.ए. वित्त, पी.एच.डी. एवं डी.लिट् अर्थशास्त्र
एम.ए. अर्थशास्त्र, एम.ए. ग्रामीण विकास, एम.बी.ए. वित्त, पी.एच.डी. एवं डी.लिट् अर्थशास्त्र
अध्यक्ष-युवा आर्थिक परिषद एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भारत आर्थिक परिषद और मध्यप्रदेश प्रभारी
बजट से ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा, विकास के साथ रोजगार के नये-नये अवसर की ओर ध्यान दिया गया है। कृषि को टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ने की योजना जिससे किसानों को लाभ हो, इनकी चिंतन की गई है। यह बजट गरीब, युवा, महिला एवं किसान पर फोकस किया गया है लेकिन शिक्षा, युवा और रोजगार की ओर चिंता करने की आवश्यकता है।
3 लाख 65 हजार 67 करोड़ का बजट वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सरकार ने रखा है जो पिछले बजट से 16 प्रतिशत अधिक है जबकि मुझे लगता है इसको 20 प्रतिशत के लगभग करना था मध्यप्रदेश सरकार को केन्द्र सरकार से इस वर्ष 38000 करोड़ रूपये अधिक मिला है। सरकार ने 19406 करोड़ रूपये ऊर्जा क्षेत्र के लिए, 42 लाख किसानों को सम्मान निधि, 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई योजना के लिए बजट में 300 करोड विशेष प्रदान किया है, 5 करोड़ गरीब लोगों को निशुल्क खाद्यान्न, पशुपालन के लिए बजट में 76 प्रतिशत अधिक गौशाला के लिए ढ़ाई सौ करोड़ का प्रावधान, प्राकृतिक खेती के लिए 30 करोड़, 520 करोड़ पशुपालन के लिए बजट में विशेष स्थान दिया गया है। किसानों को जीरो प्रतिशत पर ब्याज सबसे अच्छी बात की जनता पर कोई भी नया टैक्स का बोझ इस बजट में नहीं है। उज्जवला योजना के लिए 520 करोड़, दुग्ध उत्पादन योजना के लिए डेढ़ सौ करोड़, लाड़ली बहना लक्ष्मी योजना के लिए 36560 करोड, पीएम फसल बीमा योजना के लिए दो हजार करोड़, सीएम राइज स्कूल के लिए 667 करोड़, हेल्थ सेक्टर के लिए 21 हजार 144 करोड, जनजाति विकास क्षेत्र के लिए 46,806 करोड़, 5 जिलों में आयुर्वेद अस्पताल खोलें जाएंगे, आवास योजना के लिऐ 4 हजार करोड़।
कृषि आधारित उद्योग को बढ़ावा, विकास की योजना, रोजगार को प्राथमिकता के आधार पर बनाया, पर्यावरण एवं जल संरक्षण के विशेष प्रयास इस बजट में किया गया है। मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास आदि को मजबूती बजट में प्रदान की गई। वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा जी के अनुभव इस बजट में स्पष्ट दिखता है।
मध्यप्रदेश में उद्योगों के लिए 1 लाख 20 हजार एकड़ से अधिक लैंड बैंक उपलब्ध है। उद्योगों के लिए 24 घंटे बिजली दी जा रही है। बेहतर कनेक्टिविटी के लिए प्रदेश में 3 लाख किमी. से अधिक सड़कों का जाल बिछाया गया है। प्रदेश ‘ईज ऑफ़ डुइंग बिजनेस’ की रेटिंग में अचीवर्स की श्रेणी में शामिल है। सिंगल विंडों सिस्टम से उद्योग स्थापना संबंधी प्रक्रिया में सरलता आई है। 27 हजार आठ सौ सत्तर करोड़ ग्रामीण विकास को दिऐ गये है। ग्राम पंचायत सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक के वेतन वृद्धि का भी स्वागत है।