अब यूरोप वाले भी जानेंगे, हम नर्मदा को क्यों कहते हैं अपनी मां
हर हृदय को अपनी पवित्रता से ओतप्रोत करने वाली नर्मदा नदी को हम पूरे भक्ति-भाव से मां क्यों कहते है
अब यूरोप वाले भी जानेंगे, हम नर्मदा को क्यों कहते हैं अपनी मां
विदेशी धरती पर बरसेगा नर्मदा कलश यात्रा का पुण्य,नमामि नर्मदे संघ की अनोखी पहल,मां रेवा की यशकीर्ति 108 देशों तक पहुंचाने का संकल्प
जबलपुर। हर हृदय को अपनी पवित्रता से ओतप्रोत करने वाली नर्मदा नदी को हम पूरे भक्ति-भाव से मां क्यों कहते है, ये अब यूरोप वालों को भी पता चल जाएगा। दरअसल, नमामि नर्मदे संघ के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक रविकरण साहू एक अनूठी और अद्वितीय पहल करने जा रहे हैं। जिससे यूरोप के देशों सहित दुनिया के करीब 108 देशों को नर्मदा नदी के दैवीय रूपों से अवगत कराया जाएगा। श्री साहू नर्मदा कलश यात्रा लेकर इन देशों का भ्रमण करेंगे और
वहां के लोगों विशेषकर हिन्दुस्तानियों के साथ संवाद स्थापित करेंगे। ये यात्रा सनातन धर्म के उन्नयन के लिए भी मील का पत्थर साबित होगी।
-7 वर्ष और 27 चरण
तेलगानी बोर्ड के अध्यक्ष एवं मप्र में कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त रविकरण साहू 30 जुलाई को कलश यात्रा के साथ दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट से प्रस्थान करेंगे। पहला चरण 14 दिवसीय होगा, जिसमें यूके(यूनाइटेड किंगडम) व चार यूरोपीय देशों की यात्रा कर मां नर्मदा का गुणगान किया जाएगा। अगले चरणों में चार-चार देशों की यात्राएं की जाएंगी। इस संकल्प को पूर्ण होने में 7 साल और 27 चरण लगने का अनुमान है। लंदन एवं जर्मनी में यात्रा का स्वागत नमामि देवी नर्मदा संघ की अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष वनदेवी द्वारा किया जाएगा।
मां रेवा अनन्य भक्त रविकरण साहू अपनी इस यात्रा को लेकर बेहद उत्साहित हैं।
-मां की भक्ति का लंबा सिलसिला
इससे पहले भी श्री साहू एक साल तक नंगे पैर रहकर पूरे मध्यप्रदेश में जगन्नाथ स्वामी माता कर्मा यात्रा का आयोजन कर चुके हैं। माता कर्मा की हैलीकॉप्टर यात्रा भी निकाली जा चुकी है। श्री साहू समय-समय पर मां नर्मदा और सनातन धर्म के प्रति अलख जगाने वाले कार्यक्रमों-अभियानों का आयोजन करते रहते हैं।
-प्रेरणा मां की,मेरा प्रयास
इस यात्रा के लिये मुझे नर्मदा मैया ने प्रेरणा दी है। मैं अपने पूरे प्रयास से इसे पूर्ण करने संकल्पित हूँ। ये कहते हुए भावुक होकर रविकरण साहू ने कहा कि ये उनका सौभाग्य है कि मैया ने इस विराट कार्य को सम्पन्न कराने उन्हें निमित्त बनाया।