बच्चे एक अनगढ़ हीरे के समान होते है

रक्षा सूत्र भेंट करने का कार्यक्रम आयोजित किया

0 8

बच्चे एक अनगढ़ हीरे के समान होते है
जैन मंदिर संगम कॉलोनी जबलपुर में विराजमान आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी एवं आचार्य श्री १०८ समय सागर जी महाराज के प्रभावक शिष्य निर्यापक मुनि श्री १०८ प्रसाद सागर जी ससंघ के सानिध्य में अहिंसा की निरंतर प्रभावना हो रही प्रतिदिन मुनि श्री अपने प्रवचन श्रृंखला के माध्यम से भक्तो को संबोधित कर राष्ट्र हित में कार्य करने की प्रेरणा दे रहे है जिसके प्रभाव से सकल जैन समाज ने आने वाली १५ अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर दिव्यांग बच्चो का सम्मान समारोह एवं उन्हें रक्षा सूत्र भेंट करने का कार्यक्रम आयोजित किया है जिसमें अनेकों सुंदर प्रस्तुति होगी एवं दिव्यांग बच्चो को राखी पहनाकर विश्व मैत्री की भावना को जन जन तक पहुंचाया जाएगा । महाराज श्री ने प्रवचन के दौरान बताया कि कैसे बच्चो का जीवन अनगढ़ हीरे के समान है जिसे यदि सही जोहरी मिल जाए तो वह बेशकीमती बनने की क्षमता रखता है परंतु यदि उसे नही तराशा तो वो महज एक पत्थर का टुकड़ा है और बच्चो को तराशने का कार्य सभी समाज के बड़ो का होता है अगर बड़े अच्छी सीख और संस्कार बच्चो को देंगे तो भारत अवश्य ही उन्नति पथ पर आगे बड़ेगा और बुलंदियों के नए आयामों को रोज़ हासिल करेगा। सच्ची देश भक्ति ही भारत के प्रत्येक नागरिक का प्रथम धर्म है आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने आपने जीवन काल में देश की उन्नति के लिए प्रतिभास्थली , दयोदय, हथकरघा , पूर्णायु जैसे अनेक प्रकल्प दिए जिनके माध्यम से सभी लोग देश के प्रति अपने कर्तव्य को अदा कर सके एवं मातृ भूमि के कर्ज को चुकाने के ओर एक कदम अग्रसर हो सके

Leave A Reply

Your email address will not be published.