अति नक्सल प्रभावित निर्माण कार्यो में निर्माण एजेंसी कर रही भ्रष्टाचार

शिकायकर्ता ने विधायक को की शिकायत, ठेकेदार पेटी कांट्रेक्टरों से करवा रहे घटिया निर्माण

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लांजी। जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में विकास के लिए केन्द्र शासन से करोड़ो रूपए एलडब्ल्यु योजना से जिले को मिले है।

जिसके तहत जिस निर्माण एजेंसी को निर्माण कार्यो को टेंडर मिला है, वह निर्माण कार्यो में ठेकेदार, पेटी कांट्रेक्टरों से गुणवत्तहीन कार्य कर रह भ्रष्टाचार कर रहे है। शिकायकर्ता का कहना है कि अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में निर्माण कार्यो की हालत यह है कि पुलिया के सीमेंट के पुराने पाईप निकालकर उसको रंग रोगन करके वापस लगा दिया गया है। जिसके ऐवज में नए पाईप का पैसा निकाला गया। यही नहीं बल्कि ठेकेदार, इतने चालाक है कि निर्माण कार्यो के निरीक्षण के पहले ही वह अधिकारियों को नक्सली क्षेत्र का डर बता देते है। जिससे संबंधित विभाग से कोई भी अधिकारी जांच करने पहुंच नहीं पाता है। जिससे ठेकेदारो की पौ-बारह है।
शिकायकर्ता गोपाल सिल्लारे ने इस मामले की विधायक को शिकायत कर जांच किए जाने की मांग के साथ ही घटिया निर्माण करने वाले ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेट किए जाने की बात कही है।

 

 

इन ठेकेदारों के खिलाफ शिकायकर्ता का आरोप
शिकायतकर्ता गोपाल सिल्लारे ने विधायक राजकुमार कर्राहे को जो शिकायत की है, उसके अनुसार विधानसभा क्षेत्र के अतिनक्सल प्रभावित अनेकों वन ग्रामों में निर्माण कार्य कर रही रायसिंग एंड कंपनी, कस्तूरबा इन्फ्रास्ट्रक्चर और लोधी कंस्ट्रक्शन कम्पनी के निर्माण कार्यों एवं निर्माण में उपयोग किए गए मटेरियल को घटिया बताते हुए जांच कराए जाने की मांग की है।
लांजी विधानसभा के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में चल रहे है 150 करोड़ के काम
शिकायकर्ता ने बताया कि लांजी विधानसभा क्षेेत्र क्रमंाक 109 लांजी-किरनापुर में करीब दो दर्जन गांवों में 150 करोड़ की लागत से पुल एवं सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है और कुछ का हो गया है। इन निर्माण कार्यों के लिये शासन द्वारा यह राशि नक्सल उन्मूलन अभियान के अंतर्गत स्वीकृत की गई है।
22 सड़क और 8 पुलियों का होना है निर्माण….
शिकायकर्ता ने बताया कि एलडब्ल्यू योजना अंतर्गत लांजी-किरनापुर विधानसभा क्षेत्र में 150 करोड़ की लागत से 22 सड़क और 8 उच्चस्तरीय पुलिया निर्माण किया जाना है। जिसमें अधिकांश टेंडर लांजी की रायसिंग एंड कंपनी सहित कस्तुरबा इन्फ्रास्ट्रक्चर कम्पनी को प्राप्त हुए है, परंतु रायसिंग एंड कंपनी, कस्तुरबा इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं लोधी कंस्ट्रक्षन कम्पनी के संचालकों द्वारा सरकारी नियमों को ताक पर रखकर अतिनक्सल प्रभावित वन ग्रामो में घटिया व स्तरहीन कार्य करते हुए गुणवत्ताहीन मटेरियल का उपयोग करके शासकीय राशि का बंदरबाट किया गया और किया जा रहा है।
विकास के यह होने है काम….
शिकायकर्ता ने बताया कि 2010 से बालाघाट जिले को एलडब्ल्यूई के अंतर्गत शामिल किया गया है और उस समय करीब एक हजार करोड़ रुपए की राशि जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र, जिसमें लांजी, किरनापुर, बैहर, बिरसा, परसवाड़ा ब्लॉकों में व्यय करने योजना बनाई गई थी। वर्तमान मे 255 करोड़ रुपए के ब्रिज एवं सड़कों के निर्माण कार्यों के लिए प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। इसमें नक्सल प्रभावित बैहर परसवाड़ा लांजी में 255 करोड़ में 33 सड़कें, 17 ब्रिज बनाए जाएंगे। जिसमें अकेले लांजी किरनापुर विधानसभा को 22 सड़कें और लगभग 8 बड़े उच्च स्तरीय पुल निर्माण की स्वीकृति मिली है। इस राशि से सीतापाला से कट्टीपार 12 किलोमीटर, कान्दीघाट से कट्टीपार 11 किलोमीटर, डाबरी से कलकत्ता से बोदालझला, नंदोरा लगभग 26 किमी, बोदादलखा से धीरीमुरुम 20 किमी, सतोना से चिलकोना 4 किमी, नल्लेझरी से सतोना 2 किमी, केराटोला से सतोना 5 किमी, नेवरवाही से वार्धा 3 किमी, हरृराडेही से केराडिह 4 किमी, सुलसुली से बोदादलखा 5 किमी, सालेटेकरी मेन रोड से धारमारा 4 किमी, सालेटेकरी बंजरटोला से 3 किमी, हल्बीटोला से सत्तीटोला और सत्तीटोला से पौसेरा लगभग 10 किमी, हल्बीटोला से भालवा से काला कोटा से केशा.माटे 10 किमी, पीपरटोला से दत्ता और दत्ता से मुरवाई 6 किमी, बटामा से कलकत्ता 5 किमी, सीतापाला से कोसमदेही धीरीमुरुम 20 किमी, कसगी से गोदरी 10 किमी, लोड़ामा से टाटीपार 10 किमी, बटकरी से बोदालझोला 8 किमी, गोदरी से हर्रानाला 16 किमी, सायर संदुका टेमनी से 5 किमी इस तरह से कुल 22 सड़कें इस योजना में शामिल है। इसी प्रकार लांजी-किरनापुर अंतर्गत देवलगांव से नेवरवाही के बीच सोन नदी पर उच्चस्तरीय पुल, अकोला सोननदी पर उच्च स्तरीय पुल, बटकरी से कलकत्ता देव नदी पर उच्चस्तरीय पुल, देवलगांव से नंसरी बड़ी बाघ नदी पर उच्चस्तरीय पुल, अंधियाटोला से गल्लाटोला छोटी बाघ नदी पर उच्चस्तरीय पुल, भक्कुटोला से लोड़ागी रोड पर नाले पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण और कट्टीपार जाने के लिए उच्चस्तरीय पुल का निर्माण कार्य प्रारंभ है।
निर्माण कंपनी कर रही घटिया और नियम विरूद्ध काम
शिकायतकर्ता गोपाल सिल्लारे ने बताया कि रायसिंग एंड कंपनी द्वारा लांजी-किरनापुर विकासखंड अंतर्गत जितने भी कार्य किये जा रहे है वह सभी नियम विरूद्ध है। इनके द्वारा स्वयं की कंपनी के नाम से टेंडर प्राप्त कर पेटी पैक ठेकेदारों को निर्माण कार्य सौंप दिये जाते है जिन्हें निर्माण कार्यों की कोई जानकारी नहीं होती है। पेटी कांट्रेक्टर, अपने मन मुताबिक घटिया निर्माण कर रहे है। वहीं अधिकारियों को भी निरीक्षण के पूर्व ही नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने का भय बताकर निरीक्षण नहीं करने दिया जाता है।

मालवीय कन्सलटेंसी के टीम भी है सवालो के घेरे में

सरकार प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़को के निर्माण में सड़क की गुणवत्ता और रखरखाव के लिए कंट्रक्शन कम्पनी या ठेकेदारों पर निगरानी रखने के लिए कन्सलटेंसी टीम बनाती है जो लगातार निर्माणाधीन सड़को की गुणवत्ता का ख्याल रखते हुए ठेकेदार से कार्य करवाती है और जंहा ठेकेदार या उसको कंट्रक्शन कम्पनी द्वारा गुणवत्ता से समझौता किया जाता है तो उसे निर्देशित करते हुए कार्य में सुधार करवाती है या उसका पुनः निर्माण कार्य करवाती है लेकिन इस मामले में पिछले कई वर्षों से बालाघाट में जमी मालवीय कन्सलटेंसी टीम खुद ठेकेदार और उसकी कंट्रक्शन कम्पनी से मिलकर अनियमित्ता में लिप्त है जिस कारण सड़को के घटिया निर्माण कार्य किए जा

ग्रामीणों को होती है आवागमन में परेशानी
शिकायकर्ता की मानें तो लांजी-किरनापुर क्षेत्र नक्सल प्रभावित है। बारिश के दिनों में रोड व पुल नहीं होने से ग्रामीणों का लांजी मुख्यालय से सडक संपर्क टूटा रहता था। जिसकी वजह से ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। शासन द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्र के लिये रोड और पुल पुलिया स्वीकृत कर विकास कार्यों की सौगात दी गई थी परंतु शासन की इन जनकल्याणकारी योजनाओं पर रायसिंग एंड कंपनी एंव कस्तुरबा इन्फ्रास्ट्रक्चर कम्पनी द्वारा घटिया निर्माण का ठप्पा लगाया जा रहा है। इन सभी निर्माण स्थलों पर निर्माण कार्य के दौरान ठेकेदार निम्न गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग कर रहा है। निम्म गुणवत्ता की गिट्टी, मिट्टी युक्त रेत का उपयोग किया जा रहा है। जिससे इनकी गुणवत्ता पर अभी से सवाल उठने लगे है, बावजूद इसके विभागीय अधिकारी निर्माण स्थल का निरीक्षण नहीं कर रहे हैं।
जांच कराकर दोषियों पर हो कार्यवाही
शिकायकर्ता गोपाल सिल्लारे ने अति नक्सल प्रभावित लांजी-किरनापुर क्षेत्र के विकास कार्यो के मामले की निष्पक्ष जांच कराकर रायसिंग एंड कंपनी एंव कस्तुरबा इन्फ्रास्ट्रक्चर कम्पनी के संचालकों के विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही करते हुए उसे ब्लैक लिस्टेड किए जाने तथा घटिया निर्माण कार्यों तकनीकी इंजीनियरों की मौजूदगी में इसकी जांच करते हुए रायसिंग एंड कंपनी एंव कस्तुरबा इन्फ्रास्ट्रक्चर कम्पनी एंव लोधी कंट्रक्शन कम्पनी के संचालकों पर मामला दर्ज किए जाने की मांग की है।

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