जय श्री श्याम जय श्री महाकाल शिव शक्ति खाटू श्याम मंदिर में से स्वयंभू निर्मित गणपति का स्थापना पूजन हुआ
सफेद आक का पौधा भगवान गणेशजी का स्वरूप माना जाता है
*सफेद आक का पौधा भगवान गणेशजी का स्वरूप माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि अगर किसी पुराने सफेद आक के पौधों की जड़ों को मिट्टी से खोद कर निकाला जाय तो उसके जड़ की आकृति भगवान गणेश जी की प्रतिमा की तरह दिखाई देती है। आक के गणेश जी प्रतिमा की पूजा करने और इनकी स्थापना करने पर सभी तरह के दुखों का निवारण होता है।
हिंदू धर्म में आक के फूल का विशेष महत्व होता है क्योंकि इस पौधे के फूल का पूजा-पाठ और कई तरह के उपायों में इस्तेमाल किया जाता है। सफेद आक का पौधा भगवान गणेशजी का स्वरूप माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि अगर किसी पुराने सफेद आक के पौधों की जड़ों को मिट्टी से खोद कर निकाला जाय तो उसके जड़ की आकृति भगवान गणेश जी की प्रतिमा की तरह दिखाई देती है। आक के गणेश जी प्रतिमा की पूजा करने और इनकी स्थापना करने पर सभी तरह के दुखों का निवारण होता है। ऐसी मान्यता है कि जिस घर में अगर आक के जड़ को स्थापित किया जाता है और नियमित रूप से पूजा होती है वहीं पर सुख-समृद्धि और मां लक्ष्मी की वास होता है। आक के जड़ का इस्तेमाल भी कई साधक मंत्र सिद्धि के लिए करते हैं। ऐसी मान्यता है कि आक के पौधे को अगर घर के हिस्सा में लगाने से कोई भी नकारात्मक ऊर्जा का असर नहीं होता है।
सफेद मदार के पाैधा में गणपति होते हैं विराजमान, जानिए कैसे बन सकते हैं इससे बड़े-बड़े काम
शास्त्रों में वर्णित है सफेद मदार के पौधे के गुण। सफेद मदार के पौधे को आक, अकौआ या श्वेतार्क गणपति भी कहा जाता है। इस पौधे का मिलना कहा जााता है शिवजी और गणेश की कृपा का मिलना।
सफेद मदार के पौधे की जड़ गणेशाकृति में भी हाेती है
दरिद्रता, विघ्न, अभिशाप के दुष्प्रभाव को खत्म करता है
श्वेतार्क गणपति, आक, अकौआ इस पौधे की जड़ में गणपति जी का वास माना गया है।