सेवा भारत का प्राचीन स्वभाव : पराग अभ्यंकर

सामाजिक सरोकार में अग्रणी है गेल : अखिलेश जैन

0 7

 

 

जबलपुर। सेवा भारत का प्राचीन स्वभाव है। इसे सिखाने की जरूरत नही है। सेवा परमो धर्मः। हमारा सामाजिक कल्चर बहु आयामी रहा है। पढ़ाकर बेरोजगार नही बनाना बल्कि समाज उपयोगी मानस (व्यक्तित्व) का निर्माण करता है। उपरोक्त बातें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अनुषांगिक संगठन सेवा भारती के राष्ट्रीय सेवा प्रमुख पराग अभ्यंकर ने सेवा भारती के प्रकल्प मातृ छाया में गेल इंडिया के द्वारा बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के लिए प्रदान की गई राशि के उपलक्ष में आयोजित समारोह में व्यक्त किए।

गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया (गेल) स्वतंत्र निदेशक सीए अखिलेश जैन ने बताया कि हमारी कंपनी सामाजिक सरोकार के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका अदा कर रही है। समाज उपयोगी बिल्डिंग हो, कोई बड़ा प्रकल्प हो सभी में बढ़-चढ़कर हमारी कंपनी ने सहयोग प्रदान किया है। सेवा भारती के द्वारा मातृछाया, अनाथ बच्चियों को आश्रय, शिक्षण, उनके जीवन यापन और जीवन के व्यवस्थित नियोजन के लिए एक अच्छा प्रकल्प चलाया जा रहा है। बिल्डिंग निर्माण में हमने करीब 70 लाख रुपए की राशि सीएसआर फंड से दी है और आगे भी निर्माण कार्य में कोई कमी होगी तो राशि प्रदान की जाएगी।

यह रहे उपस्थित :
इस दौरान क्षेत्रीय सेवा प्रमुख ओमप्रकाश सिसोदिया, प्रांत संगठन मंत्री महेश सोनी, सह विभाग संघचालक अनिरुद्ध कौरवार, विभाग प्रचारक आनंद जी, मुकेश तिवारी, दिग्विजय सिंह, ओपी मिश्रा, अनुराग सोनी, डॉ राजेश जायसवाल, एड. अखिलेश उपाध्याय, रोहित आचार्य डीपी दुबे, विनय पांडे आदि बृहद संख्या में सदस्य और समाजजन उपस्थित रहे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.