आध्यात्म के समावेश के बिना विज्ञान है अधूरा – ब्रह्माकुमारी विमला दीदी
आध्यात्म और विज्ञान है एक दुसरे के पूरक - ब्रह्माकुमारी विमला दीदी
आध्यात्म और विज्ञान है एक दुसरे के पूरक – ब्रह्माकुमारी विमला दीदी
संसार को सुखमय बनाने के लिए साधन और साधना का संतुलन है जरुरी – ब्रह्माकुमारी विमला दीदी
( प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के शिव वरदान भवन कटंगा कॉलोनी सेवा केंद्र के द्वारा अभियंता दिवस के अवसर पर परिचर्चा शिक्षक जीवन में विज्ञान और आध्यात्म का संतुलन का आयोजन )
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के शिव वरदान भवन कटंगा कॉलोनी सेवा केंद्र में डी आर एम जबलपुर विवेकशील जी ने ने कहा कि अभियंताओं के नवाचार से ही संसार में जहा अनेक तरह की सुख सुविधा के साधन उपलब्ध हुए है और लोगो का जीवनस्तर सरल हुआ है | अगर इंजिनियर अपने कार्य व्यवहार में आध्यात्मिक शिक्षाओं को अपनाते है तो वे अपने उद्यम को और लोक कल्याणकारी बना सकते है |
वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी विमला दीदी ने कहा कि विज्ञान ने मनुष्य की बुद्धि को विकास तो दिया है किन्तु बुद्धि की सहज दिव्यता को कम कर दिया है | बौद्धिक प्रगति के साथ आध्यात्मिक प्रगति भी हो तो सोने में सुहागा हो जाए | मानव का हृदय पक्ष आध्यात्मिकता है तो बुद्धि पक्ष विज्ञान है | जैसे आत्मा के बिना शरीर का महत्व नहीं है वैसे ही आध्यात्म के बिना विज्ञान का महत्व कम हो जाता है | आज व्यक्ति के पास साधन तो है किन्तु सुख नहीं है , सुख जीवन में तभी आएगा जब साधनों के साथ साधना का भी जीवन में संतुलन रखेगे | किसी भी नये आविष्कार की उत्त्पत्ति पहले कल्पना में ही होती है , फिर वह साकार स्वरुप में आता है ऐसे ही विज्ञान के साधनों के द्वारा संसार को सुखमय बनाने के लिए अभियंताओं को अपने जीवन में आध्यात्म का समावेश करने की जरुरत है |
कार्यक्रम में संस्था से जुड़े विधुत विभाग, कृषि विभाग, जल संसाधन विभाग , आदि विभागों के अभियंताओं प्रकाश श्रीवास्तव, सुनील शिवहरे , विश्वेश सेन , अनूप राय , नेहा जायसवाल , गौतमी छाबडा आदि का सम्मान भी किया गया |
कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमार विजय तिवारी ने किया |