नगर निगम क्यों क्यों नहीं रोक रहा स्टेडियम में गरबा

शहर के राइट टाउन स्टेडियम मैं गर्मी की प्रैक्टिस शुरू हो चुकी है

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जबलपुर– शहर के राइट टाउन स्टेडियम मैं गर्मी की प्रैक्टिस शुरू हो चुकी है। यह बात बार-बार बताने की नहीं है कि यहां पर खेल गतिविधियों के अलावा कुछ नहीं होगा। लेकिन जिस ठेकेदार को यहां पर ठेका मिला है उसके लिए कोर्ट की गाइडलाइन और निगम के नियम भी कोई मायने नहीं रखते। सूत्रों का कहना है कि ठेकेदार ने स्मार्ट सिटी वालों को यहां पर गरबा करवाने के लिए कुछ नजराना दिया है, उसी का नतीजा है कि इतना हल्ला मचाने के बाद भी यहां पर अभी भी गरबे की प्रैक्टिस जारी है।
स्मार्ट सिटी के अधिकारियों की नींद अभी भी नहीं खुल रही है। उनके ही कार्यालय से कुछ दूरी पर स्थित इस स्टेडियम में अभी भी ठेकेदार द्वारा गरबे की प्रैक्टिस कराई करवाई जाना आश्चर्य से काम नहीं। सबको सब कुछ मालूम होते हुए भी ठेकेदार द्वारा की जा रही इस हरकत को क्या कहा जाए।
-सबके मुंह कर दिये बंद
सूत्रों का कहना है कि ठेकेदार ने स्मार्ट सिटी के बड़े अधिकारियों से लंबी साथ गांठ करते हुए अपने हिसाब से स्टेडियम चलने का मन बना लिया है। खास सूत्रों का कहना है कि इसके लिए ठेकेदार के द्वारा स्मार्ट सिटी के कुछ अधिकारियों को समय-समय पर विशेष रूप से उपकृत किया जाता है। इसीलिए इस स्टेडियम के विषय में स्मार्ट सिटी के अधिकारी भी अपना मुंह नहीं खोलते। और ठेकेदार अपने ही हिसाब से इस स्टेडियम को चल रहा है। फिर चाहे खिलाड़ियों की भावनाएं आहत है या शहर वासियों की उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
-मैदान शहर का, खेल भ्र्रष्टाचार का
स्मार्ट सिटी के ही खास सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों इस विषय में हंगामा होने के बाद ठेकेदार में गरबे का आयोजन कहीं और होने की बात तो कही थी लेकिन प्रेक्टिस यहां पर हो रही है इस बात की जानकारी स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को भी है। लेकिन वह ठेकेदार से डायरेक्ट नहीं कह पा रहे हैं क्योंकि इसके लिए उन्होंने ठेकेदार से पहले ही नजराना ले लिया है। सूत्रों का कहना है कि ठेका कंपनी के ही कर्मचारियों ने बतलाया है कि भले ही मैदान में नगर निगम का हो लेकिन खेल तो हमारे ठेकेदार साहब भी खिलाएंगे।
-फ्लेक्स यहां क्यों लगे
स्टेडियम में सुबह शाम वॉक करने आने वालों का कहना है कि अगर गरबा कहीं और होना है तो स्टेडियम के मुख्य गेट पर फ्लेक्स क्यों लगवाए गए हैं। और तो और यहां पर गरबे की प्रैक्टिस क्यों हो रही है। आखिर यह ठेकेदार की मनमानी नहीं तो और क्या है। और स्मार्ट सिटी वाले क्यों ध्यान नहीं दे रहे हैं क्या उनको यहां पर लगे यह फ्लेक्स नहीं दिखाई देते। आखिर कहीं ना कहीं ठेकेदार और स्मार्ट सिटी वालों की सांठ-गांठ सबको स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।
-क्या ठेकेदार निगम से बड़ा है*
स्टेडियम में मिली कुछ खिलाड़ियों का कहना है कि आखिर इस स्टेडियम में यह सब हो क्या रहा है। कोई कहता है गरबा नहीं होगा लेकिन प्रेक्टिस यही होगी। आखिर क्यों। क्या इस स्टेडियम के चलने वाला ठेकेदार निगम और कोर्ट से बड़ा है क्या जो अपनी मनमानी करेगा। खिलाड़ियों का कहना है कि अधिकारियों और ठेकेदार की मिली भगत से लगता है इस स्टेडियम का दुरुपयोग होना शुरू हो गया है।

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