पीड़ित प्रतिकर योजना

पीड़ित प्रतिकर स्कीम से संबंधित उपबंध भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 396 में दिए गए हैं पी

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पीड़ित प्रतिकर योजना
पीड़ित प्रतिकर स्कीम से संबंधित उपबंध भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 396 में दिए गए हैं पीड़ित प्रतिकर स्कीम को राज्य सरकार के द्वारा केंद्र सरकार के सहयोग से पीड़ित या उनके आश्रितों को जिसे अपराध से हानि या नुकसान हुआ है, उनके पुनर्वास हेतु धन उपलब्ध कराने के लिए तैयार किया जाता है जब कभी विचारण न्यायालय का विचारण की समाप्ति पर यह समाधान होता है कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 395 के अधीन जो प्रतिकार की राशि का निर्धारण किया गया है वह पीड़ित या उनके आश्रितों के पुनर्वास के लिए पर्याप्त नहीं है या अपराधी को दोष मुक्त कर दिया गया है या अपराधी को उन्मोचित कर दिया गया है किंतु पीड़ित को पुनर्वासित करना आवश्यक है तब विचारण न्यायालय पीड़ित को प्रतिकर दिए जाने की सिफारिश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण या जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को कर सकेगा ओर
यदि अपराधी का पता नहीं चल पाता है या उसकी पहचान नहीं हो पाती है किंतु पीड़ित की पहचान हो जाती है और जहां कोई विचारण नहीं होता तब ऐसी स्थिति में पीड़ित या उनके आश्रितों द्वारा प्रतिकर प्राप्त करने के लिए आवेदन राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण या जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को किया जा सकेगा दोनों ही स्थितियों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण या राज्य सेवा प्राधिकरण उसकी जांच करने के पश्चात 2 मास के भीतर प्रतिकर की राशि का निर्धारण करेगा यदि पीड़ित को चिकित्सीय सुविधा या अन्य कोई अंतरिम अनुतोष की आवश्यकता है और पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी या मजिस्ट्रेट के द्वारा प्रमाण पत्र दिया जाता है तब ऐसी स्थिति में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण या जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चिकित्सीय सुविधा या अंतरिमअनुतोष दिलाए जाने के लिए आदेश कर सकेगा
पीड़ित प्रतिकर स्कीम से संबंधित उपबंध आपराधिक विधि में 2008 में जुड़े गए थे 2008 में दंड प्रक्रिया संहिता में संशोधन किया गया और नई धारा के रूप में धारा 357 ए पीड़ित प्रतिकर स्कीम के रूप में आपराधिक विधि में सम्मिलित किया गया अर्थात 2008 के पूर्व पीड़ित प्रतिकर स्कीम से संबंधित उपबंध आपराधिक विधि में नहीं थे 2023 में दंड प्रक्रिया संहिता 1973 को विलोपित करके नया कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के रूप में आया जिसकी धारा 396 में पीड़ित प्रतिकर स्कीम से संबंधित उपबंध दिए गए हैं
डॉ राम प्रकाश चौबे

यदि अपराधी का पता नहीं चल पाता है या उसकी पहचान नहीं हो पाती है किंतु पीड़ित की पहचान हो जाती है और जहां कोई विचारण नहीं होता तब ऐसी स्थिति में पीड़ित या उनके आश्रितों द्वारा प्रतिकर प्राप्त करने के लिए आवेदन राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण या जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को किया जा सकेगा दोनों ही स्थितियों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण या राज्य सेवा प्राधिकरण उसकी जांच करने के पश्चात 2 मास के भीतर प्रतिकर की राशि का निर्धारण करेगा यदि पीड़ित को चिकित्सीय सुविधा या अन्य कोई अंतरिम अनुतोष की आवश्यकता है और पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी या मजिस्ट्रेट के द्वारा प्रमाण पत्र दिया जाता है तब ऐसी स्थिति में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण या जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चिकित्सीय सुविधा या अंतरिमअनुतोष दिलाए जाने के लिए आदेश कर सकेगा
पीड़ित प्रतिकर स्कीम से संबंधित उपबंध आपराधिक विधि में 2008 में जुड़े गए थे 2008 में दंड प्रक्रिया संहिता में संशोधन किया गया और नई धारा के रूप में धारा 357 ए पीड़ित प्रतिकर स्कीम के रूप में आपराधिक विधि में सम्मिलित किया गया अर्थात 2008 के पूर्व पीड़ित प्रतिकर स्कीम से संबंधित उपबंध आपराधिक विधि में नहीं थे 2023 में दंड प्रक्रिया संहिता 1973 को विलोपित करके नया कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के रूप में आया जिसकी धारा 396 में पीड़ित प्रतिकर स्कीम से संबंधित उपबंध दिए गए हैं
डॉ राम प्रकाश चौबे

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