जबलपुर की वेधशाला में डाबला रडार की योजना ठंडे वेस्ट में
लगभग 50 वर्ष पुरानी जबलपुर वेधशाला लंबे समय से डाबला रडार योजना से मोहताज है
जबलपुर अग्निबाण लगभग 50 वर्ष पुरानी जबलपुर वेधशाला लंबे समय से डाबला रडार योजना से मोहताज है इसके लिए सरकार ने योजना बनाई थी लेकिन वह ठंडा बस्ती में चली गई समूचे मध्य प्रदेश में राजधानी भोपाल ही एक ऐसा शहर है जहां डॉक्टर रडार के जरिए मौसम की लंबी दूरी तक जानकारी एकत्रित की जाती है इससे पूर्व सरकार ने जबलपुर ग्वालियर तथा इंदौर में भी इस योजना को लागू करने पर विचार किया था पर वह लंबे समय बाद ठंडे वेस्ट में चला गया वर्तमान में रेडियो साउंड और रेडियो वेब के जरिए ही मौसम की जानकारी लगभग 60 से 70 किलोमीटर दूर तक का मौसम का हाल लिया जा सकता है यदि डॉप्लर राडार लग जाता तो जबलपुर से लगभग ढाई सौ किलोमीटर दूर तक की मौसम की जानकारी एकत्रित करना मुमकिन था लेकिन ऐसा नहीं हो सका. मौसम विज्ञान कार्यालय 1975 से पहले राइट टाउन स्थित स्टेडियम के पास हवा घर के नाम से जाना जाता था बाद में आधार ताल स्थित आनंद नगर के पास करीबन ढ़ाई एकड़ भूमि पर नया भवन तैयार हुआ जहां से है आज भी संचालित हो रहा है . जहां तक मध्य प्रदेश का सवाल है जमीनी रखरखाव और आबादी की दृष्टि से मध्य प्रदेश बहुत बड़ा राज्य है यहां पर किसी शोध और वैज्ञानिक शोध के लिए खासकर रक्षा अनुसंधान के लिए बहुत बड़ी संभावनाएं हैं परंतु मौसम की सेवाओं के लिए बहुत लंबा इतिहास रहा है लेकिन 50 वर्षों के दौरान कोई बहुत विकास नहीं हो पाया स्वचालित वेधशालाएं ठीक से काम नहीं कर पाई इसके विस्तार के लिए भी कोई योजना नहीं है मध्य प्रदेश में प्रादेशिक मौसम केंद्र भोपाल को बजाने बनाए जाने की मांग थी लेकिन दुर्भाग्य बस इसका मुख्यालय आज भी नागपुर में है जो कि महाराष्ट्र राज्य के अंतर्गत आता है महाराष्ट्र में तीन-तीन प्रादेशिक मुख्यालय हैं नागपुर पुणे और मुंबई जबकि मध्य प्रदेश में एक भी मुख्यालय नहीं है भौगोलिक दृष्टि से तीन डॉपलर रडर इंदौर जबलपुर ग्वालियर कॉलेज खोले जाने थे इंदौर ग्वालियर जबलपुर में खोले जाने थे परंतु किन्हीं कर्म वर्ष इस पर आज तक कोई कार्य नहीं हो पाया और वह जैसे के तैसे संचालित हो रहे हैं डाबला रडार योजना आने से जबलपुर से लगभग 250 किलोमीटर दूरी तक की मौसम की जानकारी उपलब्ध हो सकेगी लेकिन चुकीअभी रेडियो साउंड और रेडियो वेव के जरिए ही मौसम की जानकारी एकत्रित की जा रही है जो 60 से 70 किलोमीटर रेंज तक की ही जानकारी ले पा रही है जानकारों का मानना है कि सही सटीक पूर्वानुमान और किसी के लिए सही जानकारी के लिए मौसम की सेवाओं का विस्तार होना अति आवश्यक है जिसमें लगभग हर जिले में वेश्यालय अंशकालीन वेधशालाएं ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन जरूरी है परंतु यह सब दूर की कौड़ी लग रहा है जबलपुर के पूर्व सांसद बाबूराव परांजपे ने भी इस दिशा में सार्थक प्रयास किए थे और संसद तक आवाज उठाई थी परंतु सफलता हासिल नहीं हुई जानकार बताते हैं कि रेडियो साउंड और रेडियो वेव जबलपुर में ठीक से काम नहीं कर पा रहा है इस दिशा में भी सार्थक प्रयास की जरूरत है इस दिशा में स्थानीय जनप्रतिनिधियों मंत्रियों को भी सार्थक प्रयास करना जरूरी है