कबाड़खाने विस्फोट (BLAST) का मामला:और उलझ गयीं गुत्थियां
जबलपुर। कबाड़खाने में हुए धमाके की गुत्थियां सुलझने के बजाय और उलझती जा रही हैं। अब ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया (OFK) ने बयान जारी किया है कि जिन विस्फोटक सामग्री से विस्फोट हुआ है, वो ओएफके की नहीं हैं। ओएफके के इस स्पष्टीकरण के बाद सवाल और बड़ा हो गया है कि कबाड़खाने में बम आये कहां से। हालांकि, अभी फैक्ट्री को जांच के दायरे से बाहर नहीं है। पांच दिन बाद भी जांच किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। जनता के बीच अब चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया है। खबर है कि मिल्ट्री इंटेलिजेंस जल्दी चौंकाने वाला खुलासा करेगी।
-ओएफके की दांव पर साख
उत्पादन के दौरान खराब माल व स्क्रैप (SCRAP) बम के खोल व अन्य सामान एक स्थान पर भंडार किया जाता है। फिर टेंडर के बाद एजेंसी स्क्रैप को उठाती है। ओएफके की जांच कमेटी अभी भी इन्वेस्टिगेशन(INVESTIGATION) कर रही है। ओएफके की जांच कमेटी में सुरक्षा से जुड़े अधिकारी शामिल हैं। ओएफके इस जांच से स्पष्ट करना चाहती है कि विस्फोटक सामग्री उसकी नहीं है।
-बुलडोजर चला,और चलेगा
विस्फोट के बाद प्रशासन ने चौथे दिन हिस्ट्रीशीटर कबाड़ी शमीम के दफ्तर को ढहा दिया। रविवार को ऑफिस ढहाने की कार्रवाई की गई। पुलिस रिमांड में फहीम और सुल्तान ने पुलिस को बताया कि आनंद नगर निवासी सुल्तान का भी रांझी और महाराजपुर में कबाड़खाना है। जहां स्क्रेप में खरीदा माल रखा जाता था। पुलिस अब सुल्तान के भी कबाड़खानों की जांच करेगी।
-रिपोर्ट (REPORT) का है इंतजार
एनएसजी की टीम बम के खोल और मौके पर मिले बारूद के कण लेकर गई है। एनएसजी की लैब में उनकी जांच की जाएगी। रिपोर्ट से पता चलेगा कि धमाके कैसे और किस वजह से हुआ था। खबर है कि एनएसजी एक से डेढ़ सप्ताह में अपनी जांच रिपोर्ट देगी। आशंका है कि शमीम दूसरे कबाडि़यों से स्क्रेप खरीदवाता था और अपने यार्ड में रखता था। केन्द्रीय खुफिया एजेंसी और मिलट्री इंटेलीजेंस की टीमें भी सक्रिय हो गई हैं। यह टीमें मौके पर खुफिया तरीके से जाकर जांच कर रही है। वहीं गोपनीय पड़ताल भी जारी है।कबाड़खाने में मिले हाथ, मांस के लोथड़ों और मानव खोपड़ी के साथ ही भोला और खलील के परिजनों के डीएनए सेम्पल लिए गए हैं, जिन्हें जांच के लिए भोपाल डीएनए लैब भेजा गया है।