पं. हरिकृष्ण त्रिपाठी की स्मृति व्याख्यान समारोह का आयोजन आज

शिक्षा, पत्रकारिता, साहित्य की पाठशाला पंडित हरिकृष्ण त्रिपाठी - ब्रम्हचारी सुबुद्धानद‌‌‌ जी महाराज

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साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृक्ति परिषद् द्वारा पं. हरिकृष्ण त्रिपाठी की स्मृति समारोह का आयोजन संपन्न।

 

शिक्षा, पत्रकारिता, साहित्य की पाठशाला पंडित हरिकृष्ण त्रिपाठी – ब्रम्हचारी सुबुद्धानद‌‌‌ जी महाराज

 

साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृक्ति परिषद्, मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग भोपाल द्वारा पं. हरिकृष्ण त्रिपाठी की स्मृति व्याख्यान समारोह का आयोजन आज दिनांक  26 अक्टूबर, 2024 को श्रीजानकीरमण महाविद्यालय, रानीताल, जबलपुर (म.प्र.) में व्याख्यान एवं सांस्कृतिक प्रस्तुति सम्पन्न हुए । संपूर्ण कार्यक्रम दो सत्रों में सम्पन्न हुआ । प्रारंभिक प्रथम सत्र में अतिथियों ब्रम्हचारी सुबुद्धानद‌‌‌ जी महाराज, कुल गुरु प्रो राजेश कुमार वर्मा, ब्रम्हचारी चैतन्यानंद जी,प्रो त्रिभुवन नाथ शुक्ल, डॉ शिवकुमार सिंह, शरदचंद्र पालन , डॉ अभिजात त्रिपाठी, संदीप जैन, डॉ आनंद राणा के कर कमलों से पं. हरिकृष्ण त्रिपाठी जी की मूर्ति के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित कार्यक्रम प्रारंभ हुआ।

 

कार्यक्रम के संयोजक संदीप जैन ने अतिथियों का स्वागत करते हुए अपना उद्बोधन प्रस्तुत किया।

स्मृति समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कुलगुरु रानीदुर्गावती विश्वविद्यालय-जबलपुर प्रो. राजेश कुमार वर्मा जी ने उद्बोधन में कहा कि पंडित हरिकृष्ण त्रिपाठीजी ने अपने साहित्य में कभी किसी दूसरी भाषा के शब्दों को उधार नहीं लिया वह एक महान साहित्यकार कर थे।वही बीज वक्तव्य प्रयाग की भूमि से पधारे प्रो. त्रिभुवननाथ शुक्ल जी ने अपने उद्बोधन में पंडित हरि कृष्ण त्रिपाठी जी के साथ हुए संस्मरणों को साझा करते हुए उनके व्यक्तित और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि श्री त्रिपाठी जी ने संस्कार और साहित्य को प्रसारित करने के लिए विश्वविद्यालय और नगर के सेतु थे ।

 

 

वक्तव्य के रूप में डॉ. शिव कुमार सिंह जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि पंडित हरिकृष्ण त्रिपाठी जी ऐसे साहित्यकारों के प्रति भी संवेदनशील थे जो बुजुर्ग हो चुके थे अथवा जिन्हें हासिये पर रख दिया गया था।

नियत से नियति और पुरुषार्थ से भाग्य बदलता है ,इस विचारधारा के पोषक त्रिपाठी जी ने अपने स्वर्णिम काल के कार्यकाल में शहर की अनेक संस्थाओं को सहयोग दिया।

 

विशिष्ट अतिथि के रूप में ब्रह्मचारी  चैतन्यानंद जी एवं

शासी निकाय के अध्यक्ष श्री शरद चंद पालन , डॉ अभिजात त्रिपाठी संदीप जैन उपस्थित रहे है।

कार्यक्रम के द्वितीय चरण में श्रीजानकी बैंड आफ वूमेंस नाट्य लोक संस्था जबलपुर के द्वारा संगीतमय प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ आनंद राणा एवं आभार प्रदर्शन डॉ अभिजात त्रिपाठी के द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में  साहित्य अकादमी से राकेश सिंह के के शर्मा डॉ रुददत दुबे, डॉ अतुल दुबे, प्रदीप बेदेल आशुतोष दीक्षित सम्पूर्ण तिवारी आशुतोष दुबे डॉ उदयभानु तिवारी, डॉ गंगाधर त्रिपाठी डॉ शक्ति सिंह मंडलोई, अजय मिश्रा डॉ अनामिका सिंह मनोज चौरसिया अभिमन्यु जैन राज सागरी, सुरेश मिश्र विचित्र विजयश्री मिश्रा संजय सेन भूपेश भापकर निरंजन द्विवेदी के साथ बड़ी संख्या में सुधिजन उपस्थित रहे।

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