भारतीय किसान संघ, जिला जबलपुर मध्यप्रदेश
भारतीय आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 के अनुसार, कृषि ने भारतीय कार्यबल के 50 प्रतिशत से अधिक को रोजगार दिया
भारतीय किसान संघ, जिला जबलपुर मध्यप्रदेश
भारत कृषि प्रधान देश है। कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन इस क्षेत्र में लगातार गिरावट आ रही है। कृषि उत्पादन के मामले में भारत दुनिया भर में दूसरे स्थान पर है।
भारतीय आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 के अनुसार, कृषि ने भारतीय कार्यबल के 50 प्रतिशत से अधिक को रोजगार दिया और देश के सकल घरेलू उत्पाद में 20.2 प्रतिशत का योगदान है। देश का किसान आज भी अपनी आर्थिक संपन्नता व आय बढ़ाने के लिये संघर्ष कर रहा है। इसके साथ ही उसे खाद, बीज, बिजली, पानी जैसी कृषि की मूलभूत आवश्यकताओं के लिये सड़कों पर संघर्ष करना पड़ता है। गुणवत्तायुक्त खाद व बीज समय पर उपलब्ध न होना, कालाबाजारी के चलते किसान का फसल उत्पादन प्रभावित हो रहा है। जिसकी जिम्मेदारी कोई लेने तैयार नहीं है। यह स्थिति किसान व कृषि क्षेत्र की बेहतरी के लिये ठीक नहीं है। देश में औद्योगिक प्रदूषण की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत, व्हीकल से 27 प्रतिशत है इससे साफ है कि प्रदूषण का मुख्य कारण क्या है। किसान पर ठीकरा फोड़ना ठीक नहीं है। किसान भी प्रदूषण रोकने के प्रयासों के साथ है। बशर्ते उसे समय पर उचित उपायों के प्रशिक्षण, सलाह, साध्धन-संसाधन मुहैया कराया जाये
थर्मल पावर प्लांट पराली जलाने से 240 गुना अधिक वायु प्रदूषण पैदा करते हैं: CREA रिपोर्ट
सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) द्वारा प्रकाशित एक शोधपत्र के अनुसार, ताप विद्युत संयंत्र वर्ष भर सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) उत्सर्जित करते है, जो पराली जलाने की तुलना में 240 गुना अधिक है, जो वायु प्रदूषण में मौसनी योगदानकर्ता है और प्रति वर्ष 17.8 किलोटन (SO₂) उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार है। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार CREA के प्रवक्ता ने कहा, समय आ गया है कि थर्मल पावर प्लांट्स को जवाबदेह बनाया जाए। अगर भारत वायु प्रदूषण से निपटने के लिए गंभीर है, तो उसे अपने कोयला आधारित बिजली संयंत्रों के लिए पर्यावरण मानदंडों का सख्त अनुपालन लागू करना चाहिए। इसके अलावा सीआईए की रिपोर्ट में कहा गया है. जहां पराली जलाने पर भारी जुर्माना लगाया जाता है, वहीं कोषला आधारित बिजली संयंत्रों को अक्सर नियमों से ढील मिलती है।
बता दें कि भारल फिलहाल में दुनिया का सबसे बड़ा सल्फर डाइऑक्साइड उत्सर्जक है। यह वैश्विक मानवजनित सल्फर डाइऑक्साइड उत्सर्जन के 20 प्रतिशत से ज्यादा के लिए जिम्मेदार है। ऐसा मुख्य रूप से इसके कोयला निर्भर ऊर्जा क्षेत्र के कारण है।
थर्मल पावर प्लांटो से किसानों को बिजली की बजाय मिल रही कोल डस्ट
भारत का सबसे बड़ा स्थर्मल पावर प्लांट मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में स्थित विंध्याचल थर्मल पावर प्लांट है यह कोयता आवारित बिजलीघर है और इसकी स्थापित क्षमता 4,760 मेगावार है। केंद्रीय