ध्यान रहे…अब न लगे आग का दाग: कलेक्टर दीपक सक्सेना(COLLECTOR DEEPAK SAXENA)

होटल (HOTEL) संचालकों के साथ बैठक में फायर सेफ्टी (FIRE SAFETY) सिस्टम पर मंथन

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जबलपुर। गत दिवस होटल(HOTEL) में आग लगने की घटना को देखते हुये जिला प्रशासन ने सभी होटल संचालकों की बैठक(MEETING) बुलाकर ऐसी दुर्घटनायें न हों इसके लिये उन्हें फायर सेफ्टी(FIRE SAFETY) के सभी मापदण्डों का अनिवार्य रूप से पालन करने के निर्देश दिये हैं। कलेक्टर दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में होटल संचालकों को कम से कम तीन माह में एक बार अग्नि दु्र्घटना से बचाव के लिये मॉक ड्रिल आयोजित करने की सलाह भी दी गई ताकि यह देखा जा सके कि उनके यहां मौजूद अग्नि शमन यंत्र काम कर रहे हैं या नहीं और स्टॉफ उनका इस्तेमाल करने में सक्षम है या नहीं।

कलेक्टर(COLLECTOR) ने बैठक की शुरूआत में इसके आयोजन के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुये कहा कि प्रशासन की चिंता होटल में अग्नि हादसे(FIRE INCIDENT) को रोकने की है। हालांकि इस दुर्घटना में आग पर तुरंत काबू पा लिया गया और किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। लेकिन ऐसी दुर्घटनायें न हों इसके लिये आवश्यक है कि अभी से सतर्कता बरती जाये और उन सभी उपायों को अपनाया जाये जो फायर सेफ्टी के लिये जरूरी हैं। कलेक्टर ने बैठक में होटल संचालकों से एक-एक कर उनके यहां मौजूद फायर सेफ्टी सिस्टम की जानकारी ली। बैठक में होटल संचालकों को हर साल फायर सेफ्टी आडिट कराने के तथा आडिट में पाई गई कमियों को दूर करने के निर्देश दिये गये। इसके साथ ही तय समय पर फायर एनओसी का नवीनीकरण अनिवार्य रूप से कराने कहा गया। होटल संचालकों से कहा गया कि कम से कम हर तीन माह में एक बार मॉक ड्रिल का आयोजन करें तथा स्टाफ को अग्नि शमन यंत्रों का इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग भी दें।

जांच के लिये बनेगी टीम-

कलेक्टर ने कहा कि होटल में फायर सेफ्टी के मापदण्डों का पालन कराने जल्दी ही एसडीएम(SDM) और सीएसपी(CSP) के नेतृत्व में जांच टीमों का गठन किया जायेगा। इनमें सभी संबंधित विभागों के अधिकारी भी शामिल होंगे। हफ्ते के सातों दिन के लिये अलग-अलग टीमें बनाई जायेंगी। ये टीमें रोस्टर के अनुसार सप्ताह के हर दिन होटलों का निरीक्षण करेंगी।

अग्नि शमन यंत्र पुराने न हों : एसपी

पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने बैठक में मौजूद होटल संचालकों से कहा कि उन्हें अपनी होटलों में लगे फायर सेफ्टी उपकरणों की नियमित तौर पर जांच कर यह देखना होगा कि वे चालू हालत में रहें। उन्होंने फायर सेफ्टी उपकरणों के चलाने के लिए स्टॉफ की ट्रेनिंग पर भी जोर दिया। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि होटलों में लगे फायर सेफ्टी उपकरण पुराने नहीं होने चाहिए, उनकी समय पर रिफलिंग कराई जाये। उन्होंने कहा कि होटलों के स्मोक डिटेक्टर अनिवार्य रूप से लगाये जाये ताकि धुआं उठते ही सायरन बज उठे और फौरन आवश्यक कदम उठाये जा सके। पुलिस अधीक्षक ने होटलों में फायर सेफ्टी के लिये आयोजित की जाने वाली मॉकड्रिल की सूचना प्रशासन और पुलिस को देने के निर्देश भी होटल संचालकों को दिये। उन्होंने होटलों में शादी विवाह जैसे समारोह के आयोजन के दौरान विधुत साज-सज्जा तथा आतिशबाजी में भी सुरक्षा के हर पहलू पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी दिये।

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