नर्सों की वेतनवृद्धि रोकने के आदेश से राहत नहीं
हाईकोर्ट ने कहा,नर्स प्रशासनिक कार्रवाई को चुनौती देने के लिए स्वतंत्र
नर्सों की वेतनवृद्धि रोकने के आदेश से राहत नहीं
हाईकोर्ट ने कहा,नर्स प्रशासनिक कार्रवाई को चुनौती देने के लिए स्वतंत्र
जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक मामले में कहा कि हड़ताल पर गई नर्स उनके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई को उचित फोरम में चुनौती देने के लिए स्वतंत्र हैं। फिलहाल कोर्ट ने नर्सिंग एसोसिएशन के उस आवेदन पर कोई राहत नहीं दी है जिसमें नर्सों की वेतनवृद्धि रोकने के आदेश को चुनौती दी गई थी। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने उक्त आदेश के साथ जनहित याचिका का निराकरण कर दिया।
दरअसल, नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने नर्सों द्वारा हड़ताल को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया िक हाईकोर्ट ने पूर्व में राज्य शासन को निर्देश दिए थे कि हड़ताली नर्सों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई करें। राज्य शासन की ओर से जवाब पेश कर बताया गया िक सभी नर्सों की वेतनवृद्धि रोके जाने का आदेश जारी कर दिया है। इस पर नर्सिंग एसोसिएशन की ओर से एक अंतरिम आवेदन पेश कर सरकार के उक्त आदेश को निरस्त करने की मांग की गई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया िक याचिका में चाही गई राहत पूरी हो गई है, इसलिए याचिका को जारी रखने का कोई औचित्य नहीं है। नर्सिंग एसोसिएशन दंड आदेश के खिलाफ विधि अनुसार उचित फोरम में जाने के लिए स्वतंत्र है।