मा.अ.आयोग ने तीन मामलों में संज्ञान लेकर कार्यवाही का दिया निर्देश, मांगा प्रतिवेदन

मप्र मानव अधिकार आयोग ने शहर के तीन जनहित के मामलों में संज्ञान लिया हैं।

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मा.अ.आयोग ने तीन मामलों में संज्ञान लेकर कार्यवाही का दिया निर्देश, मांगा प्रतिवेदन
जबलपुर। मप्र मानव अधिकार आयोग ने शहर के तीन जनहित के मामलों में संज्ञान लिया हैं। क्षेत्रीय कार्यालय प्रभारी फरजाना मिर्जा ने बताया कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मुख्य पीठ भोपाल में अध्यक्ष मनोहर ममतानी की एकलपीठ ने प्रकरण पर सुनवाई करते हुए, मानव अधिकारों के हनन का मामला मानकर, संबंधितो को कार्यवाही का निर्देश देकर प्रतिवेदन तलब किया है।
खेल मैदान में बह रहा नाली का दूषित पानी
जिले की तहसील सिहोरा के कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल में स्‍कूल के खेल मैदान में नाली का दूषित पानी बहने का मामला सामने आया है। स्‍कूल भवन से संलग्‍न प्रवेश द्वार का कार्य भी अधूरा पड़े होने से स्‍कूल में असुविधाएं हो रही है। आयोग ने जबलपुर के कलेक्‍टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी से मामले की जांच कराकर, इस संबंध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्‍ताह में मांगा है।
स्‍कूल की जमीन पर बस गया गांव, जमीन पर किया कब्‍जा
जिले के बरगी रोड स्थित शासकीय हायर सेकेंडरी स्‍कूल की आधी से ज्यादा भूमि पर अवैध कब्‍जा करने का मामला सामने आया है। स्‍कूल के रिकॉर्ड में जितनी वर्ग फिट जमीन दर्ज है, उसमें से आधी से ज्यादा भूमि एवं मैदान पर अवैध कब्जा कर घर एवं दुकान बना लिये गये है। मामले में संज्ञान लेकर आयोग ने जबलपुर के कलेक्‍टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी से मामले की जांच कराकर, स्कूल की जमीन की सुरक्षा एवं उसके स्‍कूल की गतिविधियों में ही उपयोग को सुनिश्चित कराये जाने के संबंध में प्रतिवेदन एक माह में मांगा है। महीनों से नहीं जोड़ पाये पाइप लाइन, पानी के लिये लोग परेशान
शहर के वार्ड नंबर 13,14 एवं 16 में समाहित शंकर कॉलोनी में जल जीवन मिशन के तहत बिछाई गई पाइप लाइन की टेस्टिंग न करने एवं पाइप लाइन को नहीं जोड़ने के कारण रहवासियों को पेयजल की समस्‍या से जुझना पड़ रहा है। ठेकेदार द्वारा बार-बार पाइप लाइन जोड़ने एवं टेस्टिंग करने का आश्वासन दिया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्यवाही न होने के कारण रहवासियों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है। मामले में संज्ञान लेकर आयोग ने जबलपुर के नगर निगम आयुक्‍त से मामले की जांच कराकर, की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।

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