सूर्य ही सबके ईश, पालन पोषणकर्ता और अविनाशी हैं।

इस अवसर पर भगवान शिव का अभिषेक किया गया तत्पश्चात 3100 गुलाबों के पुष्पों से अर्चन किया ।

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सूर्य ही सबके ईश, पालन पोषणकर्ता और अविनाशी हैं।

श्री बगलामुखी सिद्धपीठ शंकराचार्य मठ सिविक सेंटर मढ़ाताल में विश्वकल्याणर्थ पौष मास के पावन अवसर पर एक माह का सूर्य अर्चन पर आज प्रथम रविवार को विशेष माना गया है इस अवसर पर भगवान शिव का अभिषेक किया गया तत्पश्चात 3100 गुलाबों के पुष्पों से अर्चन किया ।
ब्रह्मचारी श्री चैतन्यानंद महाराज श्री के सानिध्य में एवं वैदिक ब्राह्मणों द्वारा भगवान सूर्य का अर्चन किया गया इस अवसर पर भक्तों को भगवान सूर्य के विषय मे जानकारी देते हुए ब्रह्मचारी श्री सुबुध्दानन्द जी महाराज श्री ने बताया कि चारों वेदों में सूर्य को परमशक्ति कहते हुए बताया है कि इससे अधिक महत्त्वपूर्ण और कोई देवता नहीं हैं। सूर्य ही सबके ईश, पालन पोषणकर्ता और अविनाशी हैं। जो सूर्य नारायण का विधिपूर्वक ध्यान कर, जप, पूजा व हवन करता है उसके सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं। जो व्यक्ति मण्डल बनाकर प्रातः मध्याह्न व सायंकाल सूर्य की पूजा करते हैं वे उत्तम गति को प्राप्त होते हैं। सूर्य के निमित्त किये जाने वाले यज्ञ के विषय में बताया गया है कि इससे रोगी रोगमुक्त होता है, निर्धन को धन की प्राप्ति, राजच्युत को राज्य लाभ, पुत्रहीन को पुत्र प्राप्ति तथा कुशाग्र बुद्धि, समृद्धि व दीर्घ जीवन प्राप्त होता है।
आज के सूर्य अर्चन पर उपस्थित पूजन में आचार्य राजेश शास्त्री जी, नर्मदा प्रसाद शर्मा जी,बी.के. पटेल, नीता पटेल, मधु यादव,मनोज सेन गोविंद साहूआदि उपस्थित रहे।

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