लग रहा था कि बच गया…लेकिन अब हो गयी एफआईआर

कोदो-कुटकी कुकीज निर्माण यूनिट के फर्जीवाड़े से जुड़ा मामला,कोर्ट ने प्रक्रिया को आधार बनाते हुये दी थी राहत, लेकिन अब फिर कसा शिकंजा

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लग रहा था कि बच गया…लेकिन अब हो गयी एफआईआर

कोदो-कुटकी कुकीज निर्माण यूनिट के फर्जीवाड़े से जुड़ा मामला,कोर्ट ने प्रक्रिया को आधार बनाते हुये दी थी राहत, लेकिन अब फिर कसा शिकंजा

जबलपुर। राज्य आजीविका मिशन के परियोजना प्रबंधक अखिल शुक्ला को कोर्ट ने इस आधार पर राहत प्रदान की,कि आरोपी को जवाब देने के लिए तीस दिन का समय नहीं दिया गया। कोर्ट ने बर्खास्तगी का आदेश भी निरस्त कर दिया। न्यायालय की राहत के बाद लगा कि अखिल शुक्ला बच गये,लेकिन ताजा घटनाक्रम में एक बार फिर से शिकंजा कसता नजर आ रहा है।कोदो-कुटकी कुकीज निर्माण यूनिट के फर्जीवाड़े के प्रकरण

में अब कुंडम थाने में एफआईआर दर्ज करायी गयी। तिलसानी के सरस्वती आजीविका महिला स्व- सहायता समूह तिलसानी की शिकायत व जनपद पंचायत कुंडम के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पीएल यादव के प्रतिवेदन पर राज्य आजीविका मिशन के जिला परियोजना प्रबंधक अखिल शुक्ला पर नए सिरे से एक्शन लिया गया है।
-ऐसे खेला भ्रष्टाचार का खेल
पुलिस के अनुसार सरस्वती आजीविका महिला स्व-सहायता समूह तिलसानी कुण्डम को कोदो-कुटकी कुकीज निर्माण यूनिट की स्वीकृत मिली थी। इस प्रोजेक्ट की लागत 12 लाख 23 हजार 775 रुपए थी। जिसमें सात लाख रुपए लोन, एक लाख 23 हजार 775 रुपए समूह और चार लाख रुपए जल ग्रहण मिशन द्वारा अनुदान मद से दिया गया। यह लोन बैंक ऑफ इंडिया पहरिया शाखा से स्वीकृत किया गया था, जिसके बाद मशीनों की खरीदी हुई। मशीन खरीदी बिल में सिंगल रोटरी टूली रैक डीजल ओवेन एसटी.1280 ट्रे का बिल चार लाख 68 हजार 460 बताया गया, जबकि उसकी कीमत एक लाख 30 हजार रुपए थी। डाउट शीटर एण्ड कटर के बिल में कीमत दो लाख 24 हजार 200 बताई गई, जबकि उसकी वास्तविक कीमत 70 हजार रुपए थी। इसके साथ ही टू एचपी पेंडिंग मिल विथ 2 एथयौ सिंगल फेज एसएस बियरिंग फोर सुगर पेंडिंग चिल की कीमत बिल में 41 हजार 300 थी, जबकि उसकी कीमत 13500 रुपए बाजार में है। वहीं थ्री एचपी सिंगल फेज फ्लोर मिल एमएस मही बिल में कीमत 59 हजार 708 रुपए अंकित थी, जबकि वास्तविक मूल्य 24 हजार 439 रुपए था। इसका आकलन किए जाने पर बिल दस लाख 6 हजार 69 हजार रुपए का था। जबकि मशीनों का वास्तविक मूल्य दो लाख 52 हजार 939 रुपए था। एक मशीन में आईएसआई मार्क नहीं था। वहीं एक चाइनीज मशीन निकली। इतना ही नहीं मशीनों को सही एंगल से इंस्टॉल भी नहीं किया गया था, जिस कारण स्व सहायता समूह को काम करने में परेशानी आ रही थी।
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-कोर्ट ने किस आधार पर दी थी राहत
हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विनय सराफ की एकलपीठ ने कलेक्टर द्वारा अखिल शुक्ला पर की गई सेवा समाप्ति की कार्रवाई को निरस्त कर दिया। याचिकाकर्ता अखिल शुक्ला की ओर से 10 दिसंबर को जारी आदेश पर सवाल उठाया। याचिकाकर्ता का कहना है कि कार्रवाई विधि अनुरूप नहीं की गई है। एक माह का शोकाज नोटिस दिए बिना ही की गई कार्रवाई प्राकृतिक न्याय सिद्धातों के विरुद्ध है। इस प्रक्रिया को आधार बनाते हुये कोर्ट ने बर्खास्तगी आदेश को निरस्त कर दिया था।

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