वकीलों के खिलाफ अपराधिक अवमानना पर सुप्रीम रोक
25 प्रकरणों की अनिवार्यता संबंधी मामले में हड़ताल पर जाने का मामला
जबलपुर, (JABALPUR) सर्वोच्च न्यायालय (SUPREME COURT) से प्रदेश के अधिवक्ताओं को बड़ी राहत मिली है। दरअसल 25 प्रकरणों की अनिवार्यता को लेकर की गई प्रदेश व्यापी हड़ताल संबंधी मामले में हाईकोर्ट (HIGHCOURT) ने अपराधिक अवमानना मामले में एसबीसी चेयरमेन व सदस्यों सहित प्रदेश भर अधिवक्ता (ADVOCATE) संघों के अध्यक्ष और सचिव को नोटिस जारी किये थे। उक्त मामले को सर्वोच्च न्यायालय की शरण ली गई थी। सुको के प्रधान न्यायाधीश डीवाय चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला व जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने हाईकोर्ट में विचाराधीन अपराधिक अवमानना की प्रकिया पर रोक लगा दी है। सुको में मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई 2024 को होगी।
राज्य अधिवक्ता परिषद के उपाध्यक्ष आरके सिंह सैनी ने उक्त जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पूर्व में 25 प्रकरण को लेकर मध्यप्रदेश के समस्त अधिवक्ता संघों में रोष उभर आया था और जिसके लिये मध्यप्रदेश के समस्त अधिवक्ता संघ कई दिनों तक न्यायालयीन कार्य से विरत रहे। उसके उपरांत मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद भी सामने आया। जिसके पूरे प्रदेश के अधिवक्ता न्यायलयीन कार्य से विरत रहे। जिसे हाईकोर्ट जजों ने काफी गंभीरता से लिया था। मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष प्रेम सिंह भदौरिया एवं अन्य सदस्यों व प्रदेश के लगभग 103 अधिवक्ता संघों के अध्यक्ष एवं सचिव के विरूद्ध कन्टेम्प्ट की कार्यवाही करते हुये उनको नोटिस जारी किये थे। उक्त मामले को लेकर पिछले एक साल से अधिवक्तागण परेशान थे। वाईस चेयरमेन श्री सैनी व एसबीसी सदस्य शैलेन्द्र वर्मा ने बताया कि उक्त मामले को लेकर एसबीसी अध्यक्ष ने सर्वोच्च न्यायालय ने जाने की बात की थी, उसके उपरांत वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा के माध्यम से अपराधिक अवमानना के विरुद्व सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई। जिस पर सर्वोच्च न्यायालय की बेंच ने हाईकोर्ट में विचाराधीन अपराधिक अवमानना की प्रकिया पर रोक लगाते हुए मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को निर्धारित की है।