भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत की प्रांत बैठक सेवा भारती कार्यालय में संपन्न।
सदस्यता अभियान की हुई समीक्षा
जबलपुर। भारतीय किसान संघ महाकौशल (MAHAKAUSHAL) प्रांत की प्रांत बैठक रविवार को आई टी (ITI) आई के पास स्थित सेवा भारती कार्यालय में संपन्न हुई। उक्त बैठक की जानकारी देते हुए भारतीय किसान संघ के महामंत्री प्रहलाद सिंह पटेल (PRAHLAD SINGH PATEL) ने बताया कि किसान संघ का यह सदस्यता वर्ष है, संपूर्ण देश t महासदस्यता अभियान चल रहा है। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश के महाकौशल प्रांत के 23 जिलों में सदस्यता अभियान चलाया गया था। श्री पटेल ने बताया कि प्रांत भर से जो सदस्यता का वृत्त व राशि प्राप्त हुई है उसके अनुसार महाकौशल प्रांत ने तीन हजार गांवों तक ग्राम समिति गठित कर एक लाख किसानों को भारतीय किसान संघ का सदस्य बनाने का अपना लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। प्रांत अध्यक्ष गजराज सिंह ने बैठक को संबोधित करते हुए सदस्यता अभियान में लगे किसान संघ के कार्यकर्ताओं का आभार जताया। श्री सिंह ने आगे कहा कि विधानसभा व लोकसभा चुनावों के बावजूद भी किसान संघ की सदस्यता में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। यह किसान संघ के द्वारा प्रदेश के किसानों के हितों की रक्षा के लिए किए गए संघर्ष का परिणाम है। महाकौशल प्रांत का किसान स्वप्रेरणा से किसान संघ से जुड़ना चाहता है। प्रांत अध्यक्ष ने बताया कि पंद्रह मई से पंद्रह जून तक तहसील इकाइयों का निर्वाचन होगा। विधिवत तहसील स्तर पर किसान सम्मेलन का आयोजन कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया के साथ इक्कीस सदस्यीय तहसील कार्यकारिणी गठित की जाएगी। तहसील इकाइयों के निर्वाचन के उपरांत जिलों का कार्यक्रम घोषित किया जाएगा।
जनजातीय क्षेत्रों में किसान संघ की बढ़ी सदस्यता
भारतीय किसान संघ के द्वारा जनजातीय क्षेत्रों के किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए जनजातीय क्षेत्रों में विशेष सदस्यता अभियान चलाया गया था। जिसके कारण अकेले डिंडोरी जिले मे ही तीन तहसीलों में 98 ग्राम समिति गठित कर चार हजार किसानों को भारतीय किसान संघ का सदस्य बनाया गया है। इसके साथ ही मंडला, बालाघाट, सिवनी, शहडोल जिलों में भी किसान संघ की सदस्यता में भारी वृद्धि हुई है।
बुंदेलखंड, बघेलखंड में किसान संघ हुआ मजबूत
किसान संघ की पूर्व के सदस्यता आंकड़ों के मुताबिक इस बार बुंदेलखंड व बघेलखंड में किसान संघ की सदस्यता में अच्छी वृद्धि हुई है। दमोह, सागर, पन्ना , रीवा, सतना, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर आदि जिलों में सदस्यता का आंकड़ा पांच से लेकर दस हजार तक पार कर गया है।