आदिशक्ति मां उमिया देवी अखिल विश्व के एकत्व का प्रतीक हैं

उमिया देवी पूजन तिथि अवसर पर समरसता सेवा संगठन ने किया संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन

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जबलपुर। मां उमिया देवी की पूजन तिथि के अवसर पर समरसता सेवा संगठन द्वारा एक विचार संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन सरस्वती विद्यापीठ नरसिंह मंदिर के पास किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में विख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पुष्पराज पटेल एवं मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर आनंद राणा उपस्थित हुए।

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ आनंद राणा ने कहा कि मां आदिशक्ति जो इस जग की जननी हैं उन्हें उमिया देवी के नाम से भी पूजा जाता है एवं मां उमिया देवी अखिल विश्व के एकत्व का प्रतीक हैं, ऊर्जा एवं शक्ति का श्रोत है जो सभी को अपने ममत्व में एकरूपता से देखती है एवं यही एकरूपता ही समरसता का ध्येय है क्योंकि समरसता का सूत्र ही सभी प्राणियों में एकत्व के भाव को जागृत करना है जो सम्पूर्ण विश्व में महापुरुषों का उपदेश विस्तारित करते हुए उनके विचार अपने अंतर्मन में समाहित कर विश्व के कल्याण में भारत का अमूल योगदान स्थापित कर सकें।

डॉ आनंद राणा ने कहा कि मां उमिया देवी समरसता की आत्मा है क्योंकि उन्होंने सभी को ममता के भाव से स्नेह किया है सब पर कृपा की है, वे माता हैं और अपने सभी बच्चों को समानता से देखती है यहीं समरसता का उद्देश्य है समरसता सेवा संगठन ने सामाजिक एकता का जो कार्य किया है वो पूरे भारत वर्ष के नवनिर्माण में सभी नागरिकों की सहभागिता स्थापित करेगा क्योंकि जब सभी महापुरुषों के विचार प्रत्येक जन मानस में अंतरित होंगे तो समरस भारत की स्थापना होगी।

मुख्य अतिथि डॉ पुष्पराज पटेल ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि समरसता सेवा संगठन द्वारा समाज कल्याण के लिए जो कार्य किया जा रहे है वे भविष्य में समर्थ भारत एवं सक्षम भारत बनाने के लिए आवश्यक रूप से सहायक होंगे क्योंकि जब सभी जाति समाज के नागरिक समरस होकर आगे बढ़ेंगे तब भारत विश्व पटल पर सबसे अधिक मजबूत होगा।

संदीप जैन ने कहा कि मां उमिया देवी पूजन तिथि के अवसर पर पूर्व में वक्ताओं ने अपने विचार रखे हम सब भारत की संस्कृति एवम सनातन परंपरा को मानने वाले लोग है जिन्होंने भारत की संस्कृति एवम सनातन को मजबूत किया है उनके विषय में जानकारी का दायित्व प्रत्येक सनातनी का होना चाहिए एवं इसलिए समरसता सेवा संगठन ने उन महापुरूषों, दैवीय शक्तियों को जानने के लिए उनके पुण्य विचार आत्मसात करने के लिए यह प्रयास किया सभी सनातनियों को प्रत्येक महापुरुषों के विषय में जानकारी हो, इस हेतू हमारे संगठन का ध्येय वाक्य ही यह है कि सब सबको जाने सब सबको माने ताकि सभी समरस समाज के साथ एक सूत्र में बंधकर भारत की गौरव गाथा विश्व कल्याण हेतु प्रसारित कर सके।

श्री संदीप जैन ने कहा कि किसी भी महापुरुष ने ऐसा उपदेश नही दिया जो केवल जाति विशेष के लिए हो उनके उपदेश समस्त मानव जाति के लिए रहे है हम सब उन महापुरुषो को संगोष्ठियों के माध्यम से अत्यधिक गहराई से समझसकते हैं जितना हम उनके विचारों को आत्मसात करेंगे महापुरुषों को सूक्ष्मता से जानेंगे उतना हमारे ज्ञान का विस्तार होगा साथ ही सनातन परंपरा की सही एवम उचित जानकारी हम आने वाली पीढ़ियों को विरासत में देकर समरस समाज की स्थापना में अपना योगदान दें सकेंगे ।

संगठन की ओर से आलोक पाठक ने उद्बोधन दिया संचालन धीरज अग्रवाल एवं आभार महेंद्र रघुवंशी ने किया।

इनका हुआ सम्मान

समर्थ सेवा संगठन द्वारा मां उमिया देवी पूजन तिथि के अवसर पर श्री राम मिलन पटेल, डॉ सुनील पटेल, श्री विवेक चौधरी, श्रीमती सविता पटेल, श्रीमती सरिता पटेल, श्रीमती पूजा पटेल, आदेश पटेल, अटल बिहारी पटेल, सरस्वती पटेल, उमेश परमार, भरत पटेल, नरबद पटेल, डॉ सुलोचना पटेल, जीवन पटेल, घनश्याम पटेल, एवं अलका पटेल का सम्मान किया गया।

इस अवसर पर शरत चंद्र पालन, हेमंत बडगैया, रमेश सोंधिया, सुरेश पांडे, दिनेश पाठक, संजय पांडे, नीरज बजाज, राकेश चक्रवर्ती, शिवेंद्र सिंह, अमर पटेल, दीपक तिवारी, शेखर साहू, आशीष चौरसिया, अभिषेक तिवारी, सुनील सिंह ठाकुर, श्रीमती आभा साहू, गणेश श्रीवास्तव, रामबाबू विश्वकर्मा, आशीष इंदुरख्या, हेमराज उपाध्याय, राहुल दुबे, पुनीत मिश्रा, अरुण विश्वकर्मा, जितेंद्र पटेल, श्याम सोनी, रेवा सिंह ठाकुर, राकेश अग्रवाल, उत्पल भाटिया, मनीष तिवारी आदि उपस्थित थे ।

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