आदित्य प्रताप सिंह ने न्यायालयो में कार्यरत कोर्ट मोहर्रिर एवं चालान ड्यूटी आरक्षक/प्रधान आरक्षक की ली बैठक

कहा आप सभी एक गियर के रूप मे मान्नीय न्यायालय एवं पुलिस के बीच सेतु का काम करते हैं

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कहा आप सभी एक गियर के रूप मे मान्नीय न्यायालय एवं पुलिस के बीच सेतु का काम करते हैं जिस तरह एक डाक्टर के प्रोफेशन के लिये जरूरी होता है कि वह अपने आपको अपडेट रखे उसी तरह आपको भी अपने आपको अपडेट रखना होगा, पुलिस एवं न्याय प्रक्रिया को जोडने की आप है महत्वपूर्ण कड़ी

संमंस वारंट समय पर जारी करें एवं गैरम्यादी वारंटियों के जमानतदारों के विरूद्ध 446 जा.फौ. की कार्यवाही हेतु जमानतदारों की जानकारी मान्नीय न्यायालय से अनुरोध कर प्राप्त कर थाना प्रभारियों को उपलब्ध करायें

आज दिनॉक 18-5-2024 को दोपहर 12 बजे पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री आदित्य प्रताप सिंह (भा.पु.से.) द्वारा मान्नीय न्यायालयो में कार्यरत कोर्ट मोहर्रिर एवं चालान ड्यूटी आरक्षक/ प्रधान आरक्षक की बैठक पुलिस लाईन जबलपुर स्थित सामुदायिक भवन में ली गयी।

बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध श्री समर वर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर (यातायात) श्री प्रदीप कुमार शेण्डे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्री सूर्यकांत शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्रीमति सोनाली दुबे उपस्थित रहे।

पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री आदित्य प्रताप सिंह (भा.पु.से.) ने कहा कि आप सभी एक गियर के रूप मे मान्नीय न्यायालय एवं पुलिस के बीच सेतु का काम करते है जिस तरह एक डाक्टर के प्रोफेशन के लिये जरूरी होता है कि वह अपने आपको अपडेट रखे उसी तरह आपको भी अपने आपको अपडेट रखना होगा, पुलिस एवं न्याय प्रक्रिया को जोडने की आप महत्वपूर्ण कड़ी है।

आपने सभी कोर्ट मोहर्रिर, चालान ड्यूटी आरक्षक/ प्रधान आरक्षक से व्यवहारिक समस्याओ को सुना एवं कहा कि न्यायालीयीन कार्य में आप महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

आपने कोर्ट मोहर्रिरो को समय पर संमंस वारंट जारी करने एवं जारी समंस वारंटो में सही नाम पता लेख करने हेतु आदेशित करते हुये कहा कि समंस वारंट सजकता से जारी करेंगे तो निश्चित ही संमस वारंट के तामीली के प्रतिशत में बढेातरी होगी, अक्सर अधूरे नाम पता के कारण संमस वारंट की तामीली मे दिक्कतें आती है, समंस वारंट जारी करते समय पूरा नाम पता आवश्यक रूप से लिखें, साथ ही जमानतदारों के नाम पता भी लिखें।

आपके द्वारा सभी कोर्ट मोहर्रिरो को निर्देशित किया गया कि जो स्थाई वारंटी दस्तयाब नहीं हो रहे हैं उनके जमानतदारों की प्राथमिकता के आधार पर जमानत निरस्त कराये जाने हेतु जमानतदारों की जानकारी मान्नीय न्यायालय से अनुरोध कर अपने थाना प्रभारी को दें ताकि सम्बंधित जमानतदारों के विरूद्ध धारा 446 जा.फौ. के तहत कार्यवाही की जा सके। प्रकरण के अंतिम निर्णय पश्चात् मान्नीय न्यायालय के द्वारा भेजी जाने वाली परिणाम पर्ची जिला अभियोजन अधिकारी के माध्यम से सम्बंधित थाने मे उपलब्ध कराये।

इसके साथ ही आपके द्वारा सभी कोर्ट मोहर्रिर को निर्देशित किया गया कि मान्नीय न्यायालय में कानून व्यवस्था बनाये रखते हुये साक्षियों की सुरक्षा एवं अभियुक्त की अभिरक्षा सुनिश्चित करें।

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