मध्य प्रदेश के चार फिलेटली ब्यूरो में से जबलपुर के वीरों को आल्हा अफसर गंभीरता से नहीं ले रहे
पहले भी कई बार प्लेटलेट ब्यूरो की व्यवस्था सुधारने के के लिए कई बार लिखा जा चुका है मौखिक शिकायत भी की जा चुकी है
मध्य प्रदेश के चार फिलेटली ब्यूरो में से जबलपुर के वीरों को आल्हा अफसर गंभीरता से नहीं ले रहे हैं इसके पहले भी कई बार प्लेटलेट ब्यूरो की व्यवस्था सुधारने के के लिए कई बार लिखा जा चुका है मौखिक शिकायत भी की जा चुकी है पर उच्च अधिकारी इस और ध्यान नहीं दे रहे हैं हर एक दो महीने के भीतर यहां पदस्थ कर्मचारियों का तबादला हो जाता है जिससे शहर के कई सैकड़ो डाक टिकट संग्रह है करने वाले फ्लैट लिसन को तकलीफ हो रही है डाक विभाग द्वारा जारी किए जाने वाले नई डाक टिकटों तथा प्रथम दिवस आवरण समय पर नहीं पहुंचते और पहुंचते भी हैं तो कोड नंबर ना आने की वजह से यह सारी व्यवस्था सुस्त पड़ जाती है जब इस संबंध में शिकायत की जाती है तो कहा जाता है कि विभाग में कर्मचारियों की कमी है जिसकी वजह से ऐसा हो रहा है जबकि प्रदेश के अन्य फ्लैटली ब्यूरो जैसे भोपाल ग्वालियर इंदौर की व्यवस्थाएं आज भी चुस्त दुरुस्त है पर जबलपुर को ऐसा कौन सा ग्रहण लगा है कि यहां की व्यवस्था सुधर ही नहीं पा रही है समय पर फर्स्ट डे कर और डाक टिकट न आने से बार-बार डाक विभाग के चक्कर लगाना पड़ते हैं डाक टिकट संग्रह करने वाले सदस्यों का कहना है कि न जाने यह व्यवस्था कब सुधरेगा डाक टिकट संग्रह करता समय निकालकर और पेट्रोल खर्च करके कई चक्कर लगाते हैं उसके बाद भी उन्हें सामग्री उपलब्ध नहीं हो पाती 20-25 की सामग्री लेने के लिए उन्हें₹200 का पेट्रोल खर्च करके आना पड़ता है कई डाक टिकट संग्रह करता तो 10 12 12 किलोमीटर दूर से आते हैं और जब उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है तो वह निराश हो जाते हैं शिकायत पर भी कोई ध्यान नहीं दिया जाता बेहतर होगा कि उच्च अधिकारी इस तरह इस तरफ ध्यान दें और व्यवस्था को चुस्त बनाएं किसी ऐसे कर्मचारियों को इस ब्यूरो में पदस्थ किया जाना चाहिए जो लंबे समय तक यहां रहकर सारा काम अच्छे से सीख सके ताकि छोटी-छोटी तकनीकी परेशानियों से भी निजात मिल सके