कुलगुरु के इशारे पर पुलिस ने छात्रों की आवाज़ दबाने का किया प्रयास। एनएसयूआई ने कुलगुरु का किया बहिष्कार।

मुख्य परीक्षा की तिथि बढ़ाने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया।

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रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलगुरु द्वारा छात्रों की मांगों को अनदेखा करने और उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करने का एक और मामला सामने आया है। आज एनएसयूआई प्रदेश सचिव अदनान अंसारी के नेतृत्व में एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं और छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से परीक्षा फॉर्म भरने की अंतिम तिथि और मुख्य परीक्षा की तिथि बढ़ाने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। लेकिन छात्रों की समस्याओं को सुनने के बजाय प्रशासन ने पुलिस का सहारा लिया और प्रदर्शन कर रहे छात्रों को जबरन रोका गया। ज्ञात हो कि कार्यपरिषद की बैठक भी आज विश्वविद्यालय में आयोजित की गई थी।

कुलगुरु के इशारे पर पुलिस ने छात्रों को विश्वविद्यालय परिसर में बैठकस्थल पर प्रवेश करने से रोक दिया। छात्रों का कहना है कि यह कदम न केवल उनके अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह कुलगुरु की तानाशाही सोच को भी दर्शाता है।

एनएसयूआई के अनुराग शुक्ला ने कहा, “कुलगुरु ने छात्रों की समस्याओं को सुनने के बजाय पुलिस बल का उपयोग किया, जो निंदनीय है। कुलगुरु ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें छात्रों के हितों से कोई सरोकार नहीं है। ऐसे व्यक्ति को विश्वविद्यालय में पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।”

गौरतलब है कि 15 दिसंबर 2024 को MPPSC की SET परीक्षा आयोजित होनी है, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र भाग ले रहे हैं। इसके बावजूद, विश्वविद्यालय प्रशासन ने 16 दिसंबर 2024 से मुख्य परीक्षा आयोजित करने की घोषणा की है। साथ ही, परिणाम देर से घोषित होने और रिटोटलिंग प्रक्रिया में लगने वाले समय को भी पूरी तरह से अनदेखा किया गया है। छात्रों ने यह भी बताया कि दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्रों को फॉर्म भरने और परीक्षा की तैयारी में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में यह ज्ञात हो कि कुलगुरु महोदय के निर्देश हैं कि बिना उनके अनुमोदन के परीक्षा तिथियों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, अतः एनएसयूआई कार्यकर्ता उन्हीं से मिलना चाहते थे।

छात्रों का यह भी कहना है कि कुलगुरु का रवैया उनके लिए अस्वीकार्य है। एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने कुलगुरु से मुलाकात करने से इनकार कर दिया और यह घोषणा की कि भविष्य में भी वे कुलगुरु के साथ किसी भी प्रकार की वार्ता या बैठक का बहिष्कार करेंगे। एनएसयूआई ने कुलगुरु के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए स्पष्ट कर दिया है कि जब तक छात्रों की मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक कुलगुरु का हर स्तर पर विरोध जारी रहेगा।

इसके पश्चात एनएसयूआई ने कुलसचिव महोदय के समक्ष अपनी मांगे रखी जिसमें प्रमुख रूप से:
1. परीक्षा फॉर्म भरने की अंतिम तिथि को 20 दिसंबर 2024 तक बढ़ाया जाए।
2. मुख्य परीक्षा की तिथि को 25 दिसंबर 2024 या उसके बाद निर्धारित किया जाए।
3. छात्रों की समस्याओं को प्राथमिकता से सुलझाने के लिए प्रशासन तत्पर हो।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से एनएसयूआई प्रदेश सचिव अदनान अंसारी, अनुराग शुक्ला, शफी खान, विश्विद्यालय इकाई अध्यक्ष हर्ष सिंह ठाकुर, राहुल पटेल , अनिकेत ठाकुर, राहुल विश्वकर्मा,क्रिश श्रीवास, यश ठाकुर , रजत रारा, स्वप्निल जैन, अंसुल कराटे , विशाल आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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