इंसान होना भाग्य है, कवि होना भाग्य है – आलम
कवि गीतकार गणेश प्रसाद चंदेल के तीसरे संग्रह जो की "भारत दर्शन गीत संग्रह है"
कवि गीतकार गणेश प्रसाद चंदेल के तीसरे संग्रह जो की “भारत दर्शन गीत संग्रह है” का विमोचन गत दिवस रानी दुर्गावती संग्रहालय कला वीथिका में तीसरा पक्ष,वर्तिका,अनेकांत ,हम फाउंडेशन के सयुक्त तत्वाधान में संपन्न हुआ।विमोचन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अवाक्स के प्रदेशाध्यक्ष देवेश कुमार चौधरी एवं अध्यक्षता शायर आलोचक शिवनाथ चौधरी आलम ने की । कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर मां सरस्वती जी वन्दना से हुआ।
मुख्य अतिथि देवेश चौधरी ने कहा की इस तरह के कविता संग्रह के विमोचन से पता चलता है कि जहा मेले वातावरण में भी सद्भावना के फूल खिलाए जा सकते है इस देश को संकट से साहित्यकार ही उबार सकता है।
अध्यक्षीय उद्बोधन में आलम जी ने कहा की गणेश प्रसाद जी के गीत संग्रह को राष्ट्रीय एकता कोमी सदभावना का दस्तावेज बताते हुए कहा की मनुष्य होना भाग्य है और कवि होना सौभाग्य है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि विजय बागरी,अरुणा पांडे,एड निशिकांत चौधरी थे।
कार्यक्रम का संचालन आशुतोष तिवारी ने किया।
मंचासीन अतिथियों का स्वागत तरूण रोहितास,कमलेश धपोड़कर, बी एल झरिया संजय सेन,उमाशंकर पटेल,उमेश मेहरा,शुभम चौधरी ने किया कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन प्रकाश चंदेल ने किया ।
इस अवसर पर जितेंद्र चंदेल,धर्मेंद्र कुशवाहा,जीवन लाल जाटव,शुभा भट्टाचार्य,दिनेश चौधरी,सोनेलाल उरेती,प्रमेंद्र धुर्वे एड हरीश सिहीते,दीपक चौधरी ,डेनियल इब्राहिम आदि उपस्थित थे।