भाजपा नये चेहरे पर खेलेगी दांव!

आज खुलेगा बीजेपी जिलाध्यक्ष का लिफाफा,जिला निर्वाचन अधिकारियों से कल होगी वन-टू-वन चर्चा,एज लिमिट के नियम का सख्ती से होगा पालन

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भाजपा नये चेहरे पर खेलेगी दांव!

आज खुलेगा बीजेपी जिलाध्यक्ष का लिफाफा,जिला निर्वाचन अधिकारियों से कल होगी वन-टू-वन चर्चा,एज लिमिट के नियम का सख्ती से होगा पालन

जबलपुर। जबलपुर के नए बीजेपी अध्यक्ष के ऐलान में अब ज्यादा वक्त नहीं है। बुधवार को भोपाल में नामों का लिफाफा खोला जाएगा और कल यानी गुरुवार को निर्वाचन अधिकारियों से वन-टू-वन चर्चा की जाएगी। जबलपुर के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों पर भी विचार होगा। ये लगभग तय हो चुका है कि जबलपुर का जिलाध्यक्ष नया चेहरा होगा। अध्यक्ष के रिपीट होने की उम्मीद न के बराबर है। सभी जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों और पर्यवेक्षकों की रायशुमारी के आधार पर आज से जिलाध्यक्ष के लिए पैनल तैयार किए जाएंगे।
-जितना समर्थन, उतनी संभावना
जिले में जिस नेता का नाम सबसे ज्यादा लोगों ने दिया है, पैनल में उसका नाम सबसे ऊपर रहेगा। निर्वाचन अधिकारी नाम के लिफाफों को खोल कर मेरिट के आधार पर पैनल तैयार करेंगे। भोपाल स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रदेश संगठन चुनाव प्रभारी सरोज पांडेय, राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के अलावा प्रदेश संगठन चुनाव अधिकारी और सह-चुनाव अधिकारी जिले वार निर्वाचन अधिकारियों से चर्चा करेंगे। इसमें पैनल के नामों पर डिस्कशन होगा।
-ऐसी है प्रक्रिया, हर स्तर पर रायशुमारी
सभी जिलों के लिए एक-एक जिला निर्वाचन अधिकारी और दो-दो सह निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किए थे। इन जिला निर्वाचन अधिकारियों ने अपने आवंटित जिले में जाकर राय शुमारी की। इसमें विधायक, पूर्व विधायक, सांसद, पूर्व सांसद, मोर्चा-प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष, जिले में निवास रत प्रदेश पदाधिकारी, वर्तमान और पूर्व जिलाध्यक्ष और वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की गई। हर नेता से जिलाध्यक्ष के लिए पांच नामों का पैनल मांगा गया। इसमें पहले तीन नामों में महिला का नाम भी मांगा गया।
-जातिगत समीकरण भी अहम
जिले के जातिगत समीकरण के हिसाब से भी एक नाम मांगा गया है। सभी नेताओं ने अपने नाम बंद लिफाफे में निर्वाचन अधिकारियों को दिए। पैनल में शामिल नेताओं का ट्रैक रिकॉर्ड भी देखा जा रहा है। गौरतलब है कि बीजेपी के मंडल अध्यक्षों के चुनाव में शिकायतें आई थीं। इनमें कई शिकायतें उम्र छिपाने को लेकर थीं। अब जिलाध्यक्ष की पैनल में शामिल तीन दावेदारों की उम्र के दस्तावेज देखे जाएंगे। इसके अलावा यह भी देखा जाएगा कि कोई आपराधिक मामला तो दर्ज नहीं हैं। पार्टी के खिलाफ काम करने के मामले में कोई पहले कार्रवाई तो नहीं हुई है।

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