जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति को निर्देश दिए िक हर हाल में शासकीय शाला में पदस्थ प्राचार्य के जाति प्रमाण पत्र की प्रामाणिकता की जांच कर अंतिम निर्णय लें। इसके लिए कोर्ट ने 4 माह की मोहलत दी है। जस्टिस जीएस आहलूवालिया की एकलपीठ ने समिति को निर्देश दिए िक जांच पर निर्णय लेने के बाद उसकी एक कॉपी याचिकाकर्ता को प्रेषित करें।
जबलपुर निवासी सेमसन विलियम ने याचिका दायर कर बताया िक शासकीय स्कूल में पदस्थ प्राचार्य डॉरेल विलियम पॉल ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी हासिल की है। याचिकाकर्ता ने इस संबंध में 2013 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट के निर्देश पर याचिकाकर्ता ने 3 मार्च 2014 को उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति को जाति प्रमाण पत्र की जांच करने अभ्यावेदन प्रस्तुत किया था। कोर्ट को बताया गया कि शिकायत पिछले 10 साल से लंबित है। समिति ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है, इसलिए दोबारा याचिका दायर की गई।