पिछले 10 वर्षों से शहर के लिए कॉलेज आफ फूड टेक्नोलॉजी के लिए सतत प्रयास
पना तब अधूरा रह गया जब यह प्रस्ताव पास नहीं हो पाया और ठंडा बस्ती में चला गया
जबलपुर पिछले 10 वर्षों से शहर के लिए कॉलेज आफ फूड टेक्नोलॉजी के लिए सतत प्रयास किया जा रहे थे लेकिन यह सपना तब अधूरा रह गया जब यह प्रस्ताव पास नहीं हो पाया और ठंडा बस्ती में चला गया. जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार शहर को कॉलेज आफ फूड टेक्नोलॉजी की अति आवश्यकता है इस बाबत विश्वविद्यालय से कई प्रयास किए गए पर प्रपोजल पास नहीं हो पाया बताया जाता है कि शिवराज सिंह सरकार के रहते हैं कार्य तेजी से चल रहा था अचानक सरकार बदलते साथ ही इस पर विराम लग गया बताया जाता है कि कॉलेज आफ फूड टेक्नोलॉजी के खुलने से युवा उद्यमियों को बेहद लाभ और ज्ञानवर्धन होगा. कॉलेज खुलने से बीटेक फूड टेक्नोलॉजी के छात्र भी मिलेंगे और यह छात्र नई-नई वैरियटयों को आजाद करने में अपना समय गुजारेंगे जबलपुर के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार की निंदा तो की ही जा रही है. इस पूरे मामले में एक खास बात यह है और है कि पूरे मध्य प्रदेश में एक भी फूड आफ टेक्नोलॉजी का कॉलेज नहीं है जबकि अकेले महाराष्ट्र राज्य में लगभग 25 कॉलेज फूड आफ टेक्नोलॉजी के चल रहे हैं यह मध्य प्रदेश के लिए शर्मनाक तो है ही साथ ही विद्यार्थियों के लिए एक गहरा धक्का है जिस वक्त शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री थे उसे वक्त 95 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार भी हो गया था इस प्रकार भी चल रहा था लेकिन सरकार बदलते ही साथ यह सपना भी अधूरा रह गया. अब लिए देकर बात यह है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा प्रदेश के मंत्री इस दिशा में पहल करें और प्रयास करें तो निश्चित रूप से जबलपुर शहर को कॉलेज आफ फूड टेक्नोलॉजी की सौगात प्राप्त होगी. जैसा कि उल्लेखनीय है कि जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय एशिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय माना जाता है ऐसी स्थिति में यह कॉलेज की स्थापना शीघ्र से शीघ्र होना नितांत जरूरी है.