बीजों के झुंड में जीएम बीज न हों शामिल- भारतीय किसान संघ

बीजों के झुंड में जीएम बीज न हों

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 109 प्रकार की उच्च उपज देने वाली फसलों की किस्मों के जारी किए जाने का स्वागत करते हुए किसान संघ ने रखी मांग

बीजों के झुंड में जीएम बीज न हों शामिल- भारतीय किसान संघ
जबलपुर, 13 अगस्त। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े किसानों के सबसे बड़े संगठन भारतीय किसान संघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में 109 प्रकार की उच्च उपज देने वाली फसलों की किस्मों के जारी किए जाने का स्वागत किया।
भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख राघवेन्द्र सिंह पटेल द्वारा जारी विज्ञप्ति में किसान संघ ने सरकार से देश, किसानों और पर्यावरणविदों को यह आश्वासन देने की मांग की है कि इन बीजों में जीएम बीज को शामिल नहीं किया जायेगा। भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने मोदी सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये बीज आगे चलकर अपना कर्तृत्व दिखायेंगे और किसानों के लिए लाभकारी साबित होंगे।

बीजों के झुंड में जीएम बीज न हों
लेकिन इसके साथ ही संघ ने जीएम (जेनेटिक रूप से मॉडिफाइड) बीज को लेकर चिंता भी जाहिर की है। भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इन बीजों के झुंड में जेनेटिक रूप से मॉडिफाइड (जीएम) बीज शामिल न हों।

कैंसर जनक है जीएम बीज

बीकेएस का मानना है कि जीएम बीज स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं और अभी तक कोई जीएम बीज वैज्ञानिक तौर-तरीके से भारत में नहीं आया है। कई फसलों में उपयोग में आने वाले रसायन, कैंसर जैसी बीमारी भी पैदा करते हैं।

स्वदेशी बीजों का पक्षधर है संघ

बता दें कि बीकेएस लंबे समय से जीएम बीजों का विरोध करता रहा है। समय-समय पर जीएम बीजों के खिलाफ अनेक आंदोलन भी किए हैं। किसान संघ हमेशा से ही भारतीय स्वदेशी बीजों का पक्षधर रहा है। भारतीय किसान संघ के नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान से आग्रह किया है कि वे देश, किसानों और पर्यावरणविदों को आश्वस्त करें कि इन जारी किए गए 109 बीजों में कोई जीएम बीज नहीं है।

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