अपने भक्तो की रक्षा के लिए भगवान अत्यन्त तत्पर रहते हैं

भगवान ही पितरों के रूप में पितृ पक्ष के 15 दिन अपने वंसजो को आशीर्वाद देने के लिए आते हैं

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भगवान भक्त की पुकार पर उसकी रक्षा के तत्पर रहते हैं उत्तरा ने जैसे ही भगवान श्री कृष्ण से अपने गर्भस्त शिशु की रक्षा के लिए प्रार्थना की भगवान ने उस गर्भस्त शिशु की रक्षा के लिए तुरंत उत्तरा के गर्भ में प्रवेश कर गए जो आगे जा कर परीक्षित के नाम से प्रसिद्ध हुआ यही भगवान की दयालुता है। भगवान ही पितरों के रूप में पितृ पक्ष के 15 दिन अपने वंसजो को आशीर्वाद देने के लिए आते हैं अतः सभी को अपने पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए इन 15 दिनों तक अपने पितरों का तर्पण पूजन करना चाहिए पितरों के निमित्त श्रीमद्भागवत कथा करने से पितर प्रसन्न होकर धनधान्य से वृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। उक्त उद्गार छोटी ओमती उड़िया मोहल्ला में पितृ पक्ष में पितरों हेतु चल रही श्रीमद्भागवत कथा में कथा व्यास आचार्य प्रदीप तिवारी जी महाराज ने व्यक्त किए। कथा में आचार्य रामभैया राजनारायण जी नीलचंद यादव भागचंद यादव वरुण यादव करुण यादव भास्कर यादव हिमांशु यादव के सहित क्षेत्र के लोग विशाल संख्या में उपस्थित रहे।

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