शासकीय संकल्प भूली सरकार

मां नर्मदा जीवित इकाई घोषित की जाए

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मां नर्मदा में अमरकंटक से लेकर मध्य प्रदेश की सीमा तक 360 नाले नालियां मिलती है जिन्हें रोकने में सरकार सफल नहीं हो सकी, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 2017 में मां नर्मदा को जीवित इकाई घोषित करने हेतु विधनसभा में शासकीय संकल्प पारित किया था उसके पश्चात 7 वर्ष व्यतीत हो गए हैं अभी तक विधेयक नही पारित किया लगता है सरकार अपना संकल्प भूल गई है उक्त जानकारी देते हुए नर्मदा संरक्षण परिषद् ने मुख्य मंत्री श्री मोहन यादव से शीघ्र संकल्प को पूरा करने की मांग की है।

विभिन्न सामाजिक संस्थाओं की संयुक्त संस्था नर्मदा संरक्षण परिषद् का गठन कर आज पत्रकारवार्ता अयोजित की गई जिसमें मां नर्मदा के संरक्षण का संकल्प लिया गया।

संयोजक मनीष शर्मा ने बताया की इंदौर में हुई महत्वपूर्ण बैठक में प्रख्यात पर्यावरणविद डा सुनील चतुर्वेदी ने यह आशंका जताई है कि नर्मदा में अवैध खनन, वृक्षों की अवैध कटाई तथा सहायक नदियों के सूखने से मां नर्मदा के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो गया है।

पत्रकारवार्ता में राजेंद्र अग्रवाल बालाजी, जयराम अग्रवाल, मनीष शर्मा, राम किशोर चौरसिया, गोपाल परासर, रितु चौरसिया, राकेश चक्रवर्ती,संतोष वर्मा, जितेंद्र श्रीवास, बृजेश चतुर्वेदी, प्रफुल्ल सक्सेना, शुभम सैनी, मुन्नू सेन, मयंक राज, सेवंद्र बर्मन, अंकित गोस्वामी, रवेंद्र बर्मन, सुनील पटेल आदि शामिल थे।

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