प्रकृति, समाज और समय प्रबंधन के महागुरु है हनुमान 

(जबलपुर में  मराठी में हनुमान कथा )

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जबलपुर c  सर्व मंगल की कामना, रक्षा और आपसी सहयोग की भावना सद्गुरु का मंत्र है, हनुमान जी प्रकृति, समाज और संस्कृति को जोड़ते हैं हनुमान महागुरु है। वर्तमान में सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ, अखाड़ों में युवाओं को शारीरिक बलिष्ठ शरीर बनाने के साथ कुलषित मानसिकता को सुधारने की शिक्षा देना चाहिए।

भगवत भक्ति के साथ स्वामी भक्त और समर्पण से ही देश समाज और संस्कृति की उन्नति संभव है, हनुमान जी ने सुग्रीव और राम के साथ नैतिक मूल्यों को सर्वौच्च प्राथमिकता दी।  नारी की सतीत्व रक्षा करने हनुमंत शिक्षा युवाओं को देना होगा जिससे माता सीता या तारा के रक्षार्थ हरि शरण में रहकर भी  हनुमान जी जैसे स्वयं शत्रु नाश के लिए अताताईयो से लड़ना होगा , हनुमत आराधना से सर्व बाधाओ का नाश हो जाता सफलता का मार्ग सुगम हो जाता है उक्त उद्गार हनुमान जी के समय प्रबंधन, स्वामी भक्ति, युद्ध कौशल, समाज एकत्रीकरण की व्याख्या करते हुए श्री दिलीप महाजन ने हनुमान कथा में कहे।

संस्कारधानी जबलपुर में पितृपक्ष के अवसर पर परम पूज्य श्री गोविन्द देव गिरी जी महाराज के कृपापात्र, लेखक चिंतक विचारक श्री दिलीप महाजन ने  श्री हनुमान कथा में श्री सत्संग सभा यादव कालोनी के तत्वावधान में प्रज्ञा मंडपम यादव कालोनी मेहता पेट्रोल पंप के पीछे व्यास पीठ से सुंदर काण्ड,लंका काण्ड सहित उत्तर काण्ड में हनुमान जी चरित्र की विस्तृत व्याख्या की।

पुणे महाराष्ट्र से पधारे कथा व्यास श्री दिलीप महाजन का आषाढ़ी कार्तिकी वारी महामंडल, महाराष्ट्र सामाजिक मंडल शास्त्री नगर, रसरंग सहित मराठी भाषियों ने संस्कारधानी जबलपुर की ओर से अभिनंदन किया।

श्री हनुमान पोथी, व्यासपीठ पूजन  श्री सत्संग सभा के

वरिष्ठ समर्थ भक्त सुरेश तोपखाने वाले, डा शिरीष नाईक,डा स्वाति सदानंद गोडबोले, प्रतिभा विध्येश भापकर, डॉ अश्विन देशमुख, दिलीप सप्रे, श्रीकांत बापट, विश्वास पाटंणकर, विठ्ठल, प्राजक्ता प्रवीण विप्रदास,रसिका राकेश ताम्हणकर, निधि अभय सवडतकर, विनायक सर्वटे,

निलिमा सुभाष देशपांडे, प्रेरणा हेमंत पोहरकर,  रंजना भास्कर वर्तक, राजेश तोपखाने वाले,  संतोष गोडबोले, विभाष देशपांडे,विध्येश भापकर , शैलेंद्र सिंह राजपूत,

श्रीकांंत भुसारी,  मंजूषा विवेक मैराल,संजय आपटे सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।

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