संत निरंकारी चैरिटेबल फ़ाउंडेशन द्वारा संस्कारधानी का ऐतिहासिक रक्तदान शिविर सम्पन्न

संत निरंकारी चैरिटेबल फ़ाउंडेशन द्वारा संस्कारधानी का ऐतिहासिक रक्तदान शिविर सम्पन्न

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जबलपुर। मई 2024 संत निरंकारी चैरिटेबल फ़ाउंडेशन(SANT NIRANKARI CHARITABLE FOUNDATION ) के सौजन्य से संत निरंकारी सत्संग भवन गोल बाजार मे एक ऐतिहासिक विशालतम शिविर का आयोजन किया गया है |
संत निरंकारी सत्संग भवन में अशोक रोहणी ने शिविर का उदघाटन किया गया,साथ ही राकेश सिंह जी कैबिनेट मंत्री ने भी अपनी उपस्थिती दी , आपजी का स्वागत सेवा दल के भाई बहनों ने मार्च गीत “न हिन्दू न सिख ईसाई , न हम मुसलमान हैं मानवता है धर्म हमारा हम केवल इंसान हैं “ , नवनीत नागपाल जी ने निरंकारी परंपरा के अनुसार आपजी का दुप्प्ट्टा पहना कर स्वागत किया |आपजी ने मिशन की गतिविधियों की भूरी –भूरी प्रशंसा करते हुए रक्तदाताओ का उत्साहवर्धन किया और कहा “संत निरंकारी संस्था प्रति वर्ष शिविर लगा कर मानवता के हितार्थ जो कार्य कर रही है वह अतुल्यनिय है , तथा जरूरत मंदों के लिए संस्था के सेवादार न सिर्फ शिविर मे बल्कि प्रति दिन जरूरत मंदो को रक्त देने हेतु सदेव तत्पर रहते हैं ये इस संस्था पर गुरु की विशेष कृपा है |
रक्त का संग्रहण नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज, रानी दुर्गावती ( एल्गिन ) अस्पताल , सेठ हरगोविंद दास (विक्टोरिया ) अस्पताल एवं जबलपुर ब्लड बैंक के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा उचित निरीक्षण के उपरांत किया गया |
जबलपुर मे 24वां रक्तदान शिविर रहा इस शिविर मे 387 रक्तदाताओं ने स्वेछिक रक्तदान किया तथा इसके अतिरिक्त वर्ष भर मे प्रति दिन 368 रक्तदातों ने जरूरतमंदों को रक्तदान कर नवजीवन प्रदान करने मे योगदान दिया , इस तरह वर्ष मे 387+ 368 = कुल 755 रक्तदाताओं ने रक्त दान कर नया कीर्तिमान बनाया , जो की विगत 23 वर्ष से अधिकतम रहा , प्रति वर्ष रक्तदाताओं की संख्या का ग्राफ बढ़ता जाता है |
अधिकतम रक्तदान हेतु जबलपुर के सभी सेवादार भाई बहनों ने ग्रुपों मे बट कर विगत 3 सप्ताह से शहर के मुख्य स्थलों पर तथा घर – घर जा कर रक्तदान हेतु लोगों को प्रेरित किया तथा 04 मई 2024 को एक विशाल वाहन रैली द्वारा संस्कारधानी के मुख्य स्थलों पर जा कर “रक्तदान – महदान” की प्रेरणा दी |निरंकारी जगत द्वारा 24अप्रैल 2024 तक 8349 रत्कदान शिविरों का आयोजन किया जा चुका है तथा 13,50,000 यूनिट रक्त का संग्रहण तथा जिससे 4.1 मिलियन लोगों की जान बचाई जा सकी है |
“रक्तदान सामाजिक कारक न होकर मानवीयता का एक ऐसा गुण है जो योगदान की भावना को दर्शाता है “
उक्त उदगार सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराजद्वारा मानव एकता दिवस पर विशाल जन समूह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए गए | सर्वविदित है मानव एकता दिवस का दिन युग प्रवर्तक बाबा गुरु वचन सिंह जी की प्रेरणादायी सिखलाइयों को समर्पित है व समर्पित गुरु भक्त चाचा प्रताप सिंह जी एवं अन्य बलिदानी संतों को भी स्मरण किया जाता है व देश भर मे शिविरों का आयोजन करता है तथा निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी ब्रह्म वाक्य “रक्त नाड़ियों मे बहे न की नालियों मे” को चरितार्थ करने हेतु सभी भक्त जन अपना 100% योगदान देते हैं |
शिविर में अनेक गनमनीय व्यक्ति आदरणीय महापोर जगत बहादुर अन्नु जी ,रिंकू विज ,सोनू बचवानी ,राजेंद्र सिंह,हारजीत सिंह ज्ञानी गुरुदरा गोरखपुर व गुलाम रसूल साहिब जी ने भी अपनी उपस्थिती दी |

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