अस्पताल में मासूमों की जान गई तो जिम्मदार होगा स्वास्थ्य और निगम का फायर अमला

लंबी सांठ-गांठ कर नगर निगम फायर अधिकारियों ने अस्पताल को दी फर्जी एनओसी

0 13

जबलपुर। अग्नि हादसों को रोकने के लिए प्रशासनिक अधिकारी रोजाना बैठक आयोजित कर रहे हैं, कर्मचारियों को दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं कि गर्मी में अग्नि हादसे लापरवाही के कारण कहीं पर भी न हो परंतु जिले का स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के फायर विभाग के अधिकारी हादसों को न्यौता दे रहे हैं। ताजा मामला महाकौशल अस्पताल का है जिसके पास फायर एनओसी नहीं है फिर अस्पताल संचालन की छूट दी गई है, इस लापरवाही में मासूमों की जान जाती है तो इसका जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम फायर विभाग के अधिकारी हांेगे। सबको पता है कि उखरी स्थित प्राइवेट अस्पताल में अग्नि हादसे के कारण कई मासूमों की जान चली गई थी, अस्पताल के पास फायर संसाधन और नगर निगम से फायर एनओसी नहीं थी। अगर फायर संसाधन होते तो अस्पताल में मासूमों की जान नहीं जाती।

महाकौशल अस्पताल से यारी निभाई जा रही है
महाकौशल अस्पताल को नियमों को ताक में रखकर संचालित किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम का फायर अमला के अधिकारी अस्पताल के संचालक से यारी निभा रहे हैं। अंदाजा लगाया जा सकता है कि अस्पताल का संचालन जब से हो रहा है तब से फायर एनओसी के साथ संसाधन नहीं है फिर भी अस्पताल संचालन की खुली छूट दी गई है।
फायर अधीक्षक कुशाग्र ठाकुर की भूमिका संदिग्ध
इस पूरे मामले में नगर निगम फायर अधीक्षक कुशाग्र ठाकुर की भूमिका संदिग्ध लग रही है। क्योंकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा नगर निगम फायर एनओसी जारी नहीं होने पर रजिस्टेशन समाप्त किया जाता है परंतु स्वास्थ्य विभाग के पास जो एनओसी वह नगर निगम द्वारा जारी की गई है। इस पूरे प्रकरण में नगर निगम फायर विभाग की भूमिका संदिग्ध है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.