ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों के चक्र में पुष्य आठवां नक्षत्र होता है
इस नक्षत्र के देवता बृहस्पति और स्वामी शनि हैं।
ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों के चक्र में पुष्य आठवां नक्षत्र होता है। इसे नक्षत्रों का राजा कहा गया है। इस नक्षत्र के देवता बृहस्पति और स्वामी शनि हैं। दीवाली से पहले पुष्य नक्षत्र का आना बहुत शुभ माना जाता है। इसमें किया गया कोई भी कार्य फलदायी होता है। वार के साथ पुष्य नक्षत्र का संयोग होने से गुरु पुष्य, रवि पुष्य, शनि पुष्य, बुध पुष्य जैसे महायोगों का निर्माण होता है, जिनमें खरीदारी करने का विशेष महत्व माना गया है।
ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ दुबे के अनुसार पुष्य नक्षत्र का शुभारंभ गुरुवार 24 अक्टूबर को प्रातः 11:31 से शुक्रवार 25 अक्टूबर को प्रातः 12:17 तक रहेगा। इस दिन घर में नई वस्तुएं लाना अत्यंत शुभ होगा।
24 एवं 25 अक्टूबर को विशेष संयोग
24 नवंबर को गुरुवार तो 25 को शुक्रवार है, गुरुपुष्य का विशेष संयोग श्रीवत्स एवं सिद्धि योग के साथ प्राप्त हो रहा है। 24 को सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, रवियोग, त्रिपुष्कर, छत्र, सिद्ध, शुभ योग मिल रहे है तो वही 25 अक्टूबर को शुक्रपुष्य पर राजयोग, श्रीवत्स, साध्य योग मिलेंगे। गुरुपुष्य योग में दीवाली पूजन सामग्री, बहीखाता, मांगलिक सामग्री, धातु की मूर्ति, विवाह की सामग्री, वाहन, भूमि, ज्वैलरी की खरीदारी करने से सुख समृद्धि बढ़ती है और लक्ष्मी का स्थायी वास होता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ दुबे ने बताया कि गुरु एवं शुक्र पुष्य में मकान, सजावट की वस्तुएं, सोफा, वाहन आदि की खरीदारी कर सकते हैं। इस शुभ योग में निवेश करने से धन की बढ़ोतरी होती है। रवि पुष्य योग धन और वैभव को बढ़ाने वाला योग है और इस योग में विवाह को छोड़कर अन्य शुभ कार्य कर सकते हैं।
इस दिन मुहूर्त में भवन, भूमि, वाहन, आभूषण सहित अन्य खरीदारी करना श्रेष्ठ होता है। इस योग में खरीदी गईं वस्तुएं लंबे समय तक चलती हैं और शुभ फल प्रदान करती हैं। इस शुभ योग में दो या चार पहिया वाले वाहन खरीदे जा सकते हैं। इस दिन खरीदे गए वाहन लंबे समय तक चलते हैं। ये अपने साथ अन्य शुभ संयोग भी लेकर आते हैं। पुष्य नक्षत्र में चांदी या इससे निर्मित आभूषण, बर्तन, पूजन सामग्री, शुभ प्रतीक आदि खरीदने से घर में बरकत बनी रहती है। आज के दिन पन्ना, हीरा, पुखराज, नीलम, मोती आदि रत्न खरीदने से ये भविष्य में बड़ा लाभ प्रदान करते हैं। इस खास योग में मकान, प्लॉट और फ्लैट खरीदना भी शुभ होता है। इससे स्थायी संपत्ति में दिन दूनी रात चार चौगुनी वृद्धि होती है।
पुष्य नक्षत्र में श्रीसूक्त के 108 पाठ करने से जीवन के आर्थिक संकटों का नाश होता है और सुख-सौभाग्य प्राप्त होता है। वैवाहिक जीवन में सामंजस्य और खुशहाली के लिए पुष्य नक्षत्र में शिव परिवार का विधि-विधान से पूजन करें। विवाह में बाधा आ रही है तो पुष्य नक्षत्र में बृहस्पति देव के निमित्त कन्याओं को बेसन के लड्डू का वितरण करें।