भक्त और भगवान की मित्रता से जगकल्याण: स्वामी नरसिंह दास जी महाराज

वैसाख मास में शिव मंदिर हाथीताल गोरखपुर में श्रीमद्भागवत कथा पुराण विश्राम

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जबलपुर – भक्त और भगवान की मित्रता से जग कल्याण और जनहित होता है। भगवान धराधाम में भगवान के अवतारों से प्राणी जगत के सभी चराचर जीवो को मुक्ति प्राप्त होती है
श्रीमद्भागवत महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ के सातवें दिनकी कथा का शुभारंभ करते हुए स्वामी जी ने कहा “वेद वेदान्त सारं हि – श्रीमद् भागवत भिष्यते” यह श्रीमद्‌भागवत के सम्पूर्ण वेद वेदान्त का सार भूततत्व है। सुन्दर श्री रुकमणी एवं द्वारिका धीश के पावन प्रसँग में कहा श्री रुकमणी जी ने भगवान के गुणों को केवल सुना था दर्शन नहीं किया था, पर त्रेता में भगवती सीता जी ने पुष्पवाटिका में दर्शन करके ही बरण कर लिया था “लोचन मग रामही उर आनी” । अर्थात हमारे आप के जीवन में दोष और गुण के दो ही मार्ग है, नेत्र मार्ग और श्रवण मार्ग, इसलिए हमें खूब सावधान रहना चाहिए, नेनो से हम जो भी देखें व जो भी सुने वह हमारे जीवन में कल्याण करने वाला हो । अनावश्यक तत्वों से बचने का प्रयास करना चाहिए। भगवान के बहुत विवाह हुए पुत्र पौत्रदि हुए पर उनके होने का न तो हर्ष है, और विनाश होने पर किसी प्रकार का शोक नहीं। स्वामी जीने बहुत सुन्दर उदाहरण देते हुए कहा जगत में रहो पर जगत हमारे भीतर रहे, जैसे नाव पानी में रहती पर डूबती नहीं कब तक जब तक पानी नाव में नही भर जाता । श्री युधिष्ठिर जी के राजसूय यज्ञ का वर्णन व भीमसेन के द्वारा जरासन्ध के वध का वर्णन किया है। विविध प्रसंगों का वर्णन करते हुए श्री सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए महराज श्री ने कहा भगवान के भक्त बहुत हैं सबने श्रीहरि का आदर किया पूजन किया चरण धोया, श्री जनक जी ने श्रीराम जी के चरण धोये, ‍ केवट ने चरण धोए बलि ने बामन के चरण पखारे , भगवान के चरण भक्तों ने पखारे , पर भगवान ने भक्त के चरण धोये यह केवल सुदामा चरित्र में प्राप्त होता है व्यास पीठ का पूजन श्री मति निर्मला हरिवंश गुप्ता रवि प्रज्ञा राखी गोबिंद गुप्ता रितिका दिलीप प्रतीक प्रवीस वैष्णवी राशि प्रतीक्षा शिवम सहपरिवार ने भक्त जनों के साथ किया
इस अवसर पर व्यास पीठ पूजन आचार्य रामफल शास्त्री,हिमांशु तिवारी, कामता महाराज ने किया।

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