केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां राजमाता माधवी राजे का बुधवार को निधन हो गया। वे 76 वर्ष की थीं। उनकी पार्थिव देह दिल्ली से ग्वालियर लाई गई। एयरपोर्ट से एम्बुलेंस में रानी महल ले जाया गया। पार्थिव देह दोपहर तीन बजे तक रानी महल में अंतिम दर्शन के लिए रखी जाएगी। शाम 5 बजे सिंधिया छत्री पर उनका राजसी परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाएगा।
तीन राज्यों के मुख्यमंत्री समेत प्रदेश के कई मंत्री और नेता अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। रात तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय और राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा का आना तय हो गया था। साथ ही नेपाल, बड़ोदरा और जम्मू के राजघराने के सदस्य भी ग्वालियर पहुंचेंगे।
अंतिम यात्रा – राजमाता माधवी राजे की अंतिम यात्रा रानी महल गेट यानी जीवाजी क्लब के सामने महल के दरवाजे से निकाली जाएगी। यात्रा में शामिल परिवार व वीआईपी वाहनों में सवार होकर निकलेंगे। इसी दरवाजे से राजमाता विजयाराजे सिंधिया की पार्थिव देह की अंतिम यात्रा के लिए निकाला गया था। यहां से अचलेश्वर चौराहा, कटोराताल रोड होते हुए छत्री परिसर के गेट नंबर तीन से अंदर प्रवेश करेगी। इसी दरवाजे से आम लोगों को भी एंट्री दी जाएगी, लेकिन जब अंतिम यात्रा यहां पहुंचेगी, तो आम लोगों का प्रवेश कुछ समय के लिए बंद कर दिया जाएगा।