लोकमाता देवी अहिल्या बाई होलकर तृतीय जन्मशती समारोह
रानी के जीवन का लक्ष्य राज्यभोग नहीं था। वे प्रजा को अपनी सन्तान समझती थी।
भारत में जिन महारानियों का जीवन आदर्श, वीरता, त्याग तथा देशभक्ति के लिए सदा याद किया जाता है, उनमें गड़रिया वंश की रानी देवी अहिल्याबाई होल्कर का नाम प्रमुख है। गड़रिया कुल की महारानी लोकमाता न सिर्फ गहरिया समाज के लिये एक आदर्श है वरन लोक कल्याण और सनातन के लिऐ किये गये उनके कार्यों की वजह से उन्हे लोकमाता भी कहा जाता है। रानी के जीवन का लक्ष्य राज्यभोग नहीं था। वे प्रजा को अपनी सन्तान समझती थी। उन्होंने जीवन का प्रत्येक क्षण राज्य और धर्म के उत्थान में लगाया। लोकमाता द्वारा काशी का वर्तमान काशी विश्वनाथ मंदिर 1781 में बनवाया गया एवं सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार भी किया गया।
गड़रिया महासभा एवं लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर मंच भारत, गड़रिया राजवंश की इतनी महान महारानी की तृतीय जन्मशती पर दिनांक 31 मई को विशाल वाहन रैली निकली जिसमें महासभा से जुड़े पूरे महाकौशल के सदस्य एवं विधायक अशोक रोहाणी, नगर निगम अध्यक्ष रिंकू विज, दिनेश श्रीपाल, सावन श्रीपाल उपस्थित रहें जो की ग्राम सालीबाड़ा तिराह (गौर) से प्रातः 10.00 बजे शुरू होकर सदर, कटंगा तिराहा, एवं विभिन्न मार्गो से होते हुये श्रीपाल गड़रिया धर्मशाला नर्मदातट तिलवारा घाट में विशाल सभा के रूप में सम्पन्न होगी। तदोपरांत विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया
बाईट- अशोक रोहाणी विधायक कैंट विधानसभा
बाईट- बैजलाल श्रीपाल
बाईट- दिनेश श्रीपाल