सब तेजों का तेज है भगवान सूर्य नारायण:- ब्रह्मचारी श्री चैतन्यानन्द जी
अन्य जितने ग्रह और उपग्रह हैं, वे सब निरन्तर मेरी ही प्रदक्षिणा करते हुए मेरे आश्रय से रहते हैं।
सब तेजों का तेज है भगवान सूर्य नारायण:- ब्रह्मचारी श्री चैतन्यानन्द जी
श्री बगलामुखी सिद्ध पीठ शंकराचार्य मठ सिविक सेंटर मढ़ाताल में विश्व कल्याण हेतु पौष मास के शुभ अवसर पर सूर्योपासना के क्रम में भगवान सूर्यनारायण का गुलाब पुष्पा के द्वारा सहस्त्रार्चन ब्रह्मचारी श्री चैतन्यानन्द जी महाराज श्री के परम सान्निध्य में किया गया। महाराज श्री ने बताया कि सूर्य पुराण में भगवान सूर्य ने कहा कि सब तेजों का तेज, प्रकाशों का प्रकाशक और सब शक्तियों का आश्रय मैं ही हूँ। अन्य जितने ग्रह और उपग्रह हैं, वे सब निरन्तर मेरी ही प्रदक्षिणा करते हुए मेरे आश्रय से रहते हैं। समस्त पिण्ड – ब्रह्माण्ड मेरी ही सत्ता से स्थित हैं। इसी तरह सूर्यादि असंख्य लोक, अनन्त ग्रहलोक और अनगिनत उपग्रहगण आदि-अन्तरहित मेरे विराट् शरीर में स्थित हैं। सूर्य भगवान के उदय के साथ जगत का उदय और अस्त के साथ अस्त होता है। आज उपस्थित भक्तगण श्री राजेंद्र शास्त्री मधु यादवभारत सिंह यादव गुड्डा गुड़िया हेमंत मिश्रा गोविंद साहू मनोज सेन