महाकौशल हॉस्पिटल के पास नहीं अग्नि हादसों से निपटने का “कौशल”
महाकौशल हॉस्पिटल के पास नहीं अग्नि हादसों से निपटने का "कौशल"
1 अगस्त 2022 को जबलपुर की न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में हुए अग्नि हादसे के बाद जिला प्रशासन से लेकर राज्य शासन तक अस्पतालों के मानकों को लेकर बेहद गंभीर दिखा था। दावा किया गया था कि बिना मानकों को पूरा करें अब किसी भी निजी अस्पताल का संचालन नहीं होगा लेकिन डेढ़ साल बीतने के बाद यह तमाम दावे और सरकारी सिस्टम मानो “टॉय टॉय फिस्स” सरिका काम करने लगा है। या यूं कह ले कार्रवाई के नाम पर भी छोटे और बड़ों के साथ भाई भतीजा वाद निभाते हुए कार्रवाई की जा रही है। अब यह सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि फायर सर्टिफिकेट ना होने और एनओसी की मौजूदगी ना होने पर कई निजी अस्पतालों पर कार्यवाही की गाज गिर गई फिर आखिर महाकौशल हॉस्पिटल से ऐसा कौन सा अपनापन है या ना जाने कौन अधिकारी इस अस्पताल से अपनी रिश्तेदारी निभा रहा है कि अब तक इसके संचालन पर कोई रोक नहीं लग पाई है।
क्या फिर 1 अगस्त 2022 जैसे अग्नि हादसे के इंतजार में है जिम्मेदार??
इस पूरे मामले में नगर निगम के फायर ब्रिगेड अधीक्षक कुशाग्र ठाकुर से जब हमने बात की तो उन्होंने स्पष्ट किया कि नगर निगम द्वारा अस्पताल को कोई भी एनओसी जारी नहीं की गई है यहां तक की तकरीबन 3 सप्ताह पहले अस्पताल द्वारा फायर एनओसी का आवेदन आया था जिसके परिपालन में जब अस्पताल का निरीक्षण किया गया तो फायर सेफ्टी मानकों का पालन नहीं होना पाया और इस आधार पर नगर निगम ने फायर एनओसी देने से इनकार कर दिया था।
कुशाग्र ठाकुर , फायर ब्रिगेड अधीक्षक
एक सप्ताह का अंतिम अल्टीमेटम
वहीं जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर संजय मिश्रा का कहना है कि वह इस अस्पताल को तकरीबन चार दफा नोटिस भेज चुके हैं और अब अंतिम एक सप्ताह की मोहलत और दे दी गई है अगर फिर भी अस्पताल ने फायर एनओसी पेश नहीं की तो उनका भी लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।
डॉ संजय मिश्रा , प्रभारी सीएमएचओ जबलपुर
कुछ दिनों पहले इन अस्पतालों पर गिरी थी गाज
नेपियर टाउन में स्थित आदित्य सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल और ट्रॉमा सेंटर, आकांक्षा हॉस्पिटल घमापुर चौक के समीप, ग्रोवर हॉस्पिटल राइट टाउन , श्री रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल बिलखेरवा गांव जबलपुर, स्मार्ट सिटी हॉस्पिटल बेदी नगर नागपुर रोड शामिल है, जिनके लाइसेंस निरस्त किए गए थे ।
साल 2023 में भी हुई थी कार्रवाई
6 अप्रेल 2023 को जबलपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने 12 प्राइवेट अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त कर दिए थे। इन अस्पतालों में चार अस्पतालों के पास फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट नहीं पाया गया था, जिसके चलते उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई थी। वहीं, आठ अस्पतालों ने अपना लाइसेंस रीन्यू कराने के लिए अप्लाई नहीं किया था। जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग ने इनकी मान्यता खत्म को खत्म कर दिया था।
अस्पताल में आग लगने से हुईं थी आठ लोगों की मौत
दरअसल, अगस्त 2022 में जबलपुर में न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में भीषण अग्निकांड में आठ लोगों की मौत हो गई थी। एक दर्जन लोग झुलस गए थे। उस वक्त बड़ी मशक्कत से आधा दर्जन दमकल वाहनों ने एक घंटे की कवायद के बाद आग को काबू में किया था। जांच के बाद यह सामने आया था कि अस्पताल में फायरसेफ्टी का ध्यान नहीं रखा गया था। इसके साथ ही बिल्डिंग की फायर ऑडिट भी नही की गई थी।